गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रपति को पत्र


26 अक्टूबर 2021

को,
श्री रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति, भारत गणराज्य

विषय: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की निर्मम हत्या के संबंध में गृह राज्य मंत्री श्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्रवाई

के द्वारा: अनुमंडल पदाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलक्टर/तहसीलदार …………………

महामहिम,

3 अक्टूबर 2021 को हुए लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड (जिसके बाद 3 सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है) में जिस तरह से जांच हो रही है, उसे पूरा देश निराशा और आक्रोश के साथ देख रहा है, और उच्चतम न्यायालय इसके बारे में पहले ही कई प्रतिकूल टिप्पणी कर चुका है।

महत्वपूर्ण रूप से, देश श्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार की नैतिकता की कमी से स्तब्ध है, जहां श्री अजय मिश्रा टेनी मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री बने हुए हैं। दिनदहाड़े किसानों की हत्या की घटना में इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य वाहन मंत्री जी का है। मंत्री जी के 3 अक्टूबर 2021 से पहले के कम से कम तीन वीडियो में रिकॉर्ड में हैं, जो सांप्रदायिक वैमनस्य और द्वेष को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भडकाऊ और अपमानजनक भाषण भी दिया था। वास्तव में, उन्होंने वीडियो में अपने संदिग्ध (आपराधिक) पूर्ववृत्त का उल्लेख करने में भी संकोच नहीं किया।

एसआईटी द्वारा मुख्य आरोपी को समन जारी करने के बाद मंत्री ने शुरू में आरोपियों (उनके बेटे और उसके साथियों) को पनाह भी दी। बताया गया है कि न्यायिक/पुलिस हिरासत में बंद आरोपियों को वीआईपी ट्रिटमैंट दिया जा रहा है। यह भी देखा गया है कि उच्चतम न्यायालय और देश के नागरिकों द्वारा अपेक्षित गति से गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए जा रहे हैं।

यह स्पष्ट है कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में ‘हितों का टकराव’ न्याय के लिए एक प्रमुख बाधा है और कोई भी सम्माननीय सरकार, प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों के संदर्भ में, श्री अजय मिश्रा टेनी को अब तक बर्खास्त और गिरफ्तार कर चुकी होती।

अतः संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुसार हम आपसे मांग करते हैं कि:

  1. केंद्रीय गृह मंत्री श्री अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए।
  2. श्री अजय मिश्रा टेनी को भी हत्या (ऊपर वर्णित अन्य आरोपों के अलावा धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश) में उनकी भूमिका के लिए तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
  3. हम यह भी मांग करते रहे हैं कि इस घटना की जांच उच्चतम न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में एसआईटी से कराई जाए।

हम,
भारत के नागरिक, भारत के अन्नदाता
संयुक्त किसान मोर्चा


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *