मणिपुर हिंसा में सीएम और गृहमंत्री की भूमिका की हो जांच: राष्ट्रपति को आइपीएफ का अनुरोध पत्र


लखनऊ

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने निरंतर बढ़ रही मणिपुर की हिंसा पर पुनः अपनी चिंता व्यक्त की है और हर हाल में मिजोरम में यह हिंसा न फैले इसकी अपील उत्तर पूर्व की लोकतांत्रिक शक्तियों से की है। मणिपुर में जारी हिंसा के लिए सदियों से मैत्री भाव में रहने वाले लोगों की सद्भावना नष्ट करने वाली हिन्दुत्व की राजनीति को आइपीएफ ने जिम्मेदार माना है।

दरअसल भाजपा की अगुवाई में चल रही केन्द्र और राज्य की सरकार हिन्दुत्व की राजनीति को परवान चढ़ाने में लगी है। जिसका मुख्य उद्देश्य दूसरे धार्मिक विश्वास में लगे हुए लोगों के धार्मिक स्थलों को तोड़ना और उन्हें सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से दोयम दर्जे का नागरिक बना देना है। इसी वजह से मणिपुर में 200 से अधिक चर्च जला दिए गए, अफवाहें फैलाई गई, लोगों की हत्याएं हुई, महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया और जला दिया गया। इसलिए जरूरत है राष्ट्रपति भारत गणराज्य मणिपुर में शांति और न्याय स्थापित करने के लिए हस्तक्षेप करें।

जाहिरा तौर पर मणिपुर में जारी हिंसा में वहां के मुख्यमंत्री और केन्द्र सरकार के गृह मंत्री की भूमिका की जांच हो और दोषी लोगों को दण्डित किया जाए। राष्ट्रपति महोदया को इस आशय का अनुरोध पत्र आज पूरे प्रदेश में आइपीएफ कार्यकर्ताओं द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से भेजा गया। आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने यह जानकारी प्रेस को जारी अपने बयान में दी।

अनुरोध पत्र में कहा गया कि मणिपुर की घटना पर लम्बे समय तक मौन रहने वाले सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी आश्चर्य नहीं पैदा करती। ऐसे मामलों में चुप रहना ही उनकी राजनीति रही है, गुजरात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मणिपुर पर संसद में बहस तक नहीं होने दी जा रही है ताकि यह सरकार वहां जातीय धुव्रीकरण करती रहे और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करे। ऐसी स्थिति में जब संसद में भी बहस की इजाजत नहीं है तब संविधान के गरिमामयी जीवन की गारंटी करने वाली संस्थाओं को आगे आना होगा और मणिपुर में हिंसक वारदात करने वालों को दण्ड़ित करना होगा।

यह वाजिब ही है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीधे हस्तक्षेप करके अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। इसलिए राष्ट्रपति मणिपुर में शांति और न्याय के लिए हस्तक्षेप करें।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए कार्यक्रमों का नेतृत्व लखीमपुर खीरी में प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, सीतापुर में प्रदेश महासचिव डा. बृज बिहारी, सुनीला रावत, गया प्रसाद, सोनभद्र में जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, रंजू भारती, आगरा में महासचिव इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, चंदौली में अजय राय, रहमुद्दीन, प्रयागराज में राजेश सचान, इंजीनियर राम बहादुर पटेल, मऊ में प्रदेश उपाध्यक्ष एकबाल अहमद अंसारी, युवा मंच की सविता कुमारी व सुगवंती गोंड़ ने किया।


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *