मेरे पिताजी के नाम पर कोई साम्प्रदायिक संघर्ष नहीं चल सकता: अनीता बसु

जर्मनी से शनिवार को वाह्ट्सअप कॉल पर हुई बातचीत के दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की सुपुत्री अनीता बसु ने कहा कि मेरे पिता के लिए देश सबसे बड़ा था।

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धार्मिक आधार पर राजनीति करना सुभाष बोस की नज़र में ‘राष्ट्र के साथ द्रोह’ था!

सुभाषचंद्र बोस ने काँग्रेस के अध्यक्ष बनने पर इस ख़तरे को महसूस किया और 16 दिसंबर 1938 को एक प्रस्ताव पारित करके काँग्रेस के संविधान में संशोधन किया गया और हिंदू महासभा तथा मुस्लिम लीग के सदस्यों को काँग्रेस की निर्वाचित समितियों में चुने जाने पर रोक लगा दी गई।

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