पावर के प्रति हिकारत और आकर्षण के द्वैत में लटका बिहार

स्वप्न तो उस अब्सोल्यूट पावर का सभी देखते हैं क्योंकि सभी को पता है कि प्रशासन (एडमिनिस्ट्रेशन) में जाने पर आप निरंकुश हो सकते हैं; बिना जिम्मेदारी के भरपूर माल कूट सकते हैं; मजा काट सकते हैं और आपका रुतबा बढ़ सकता है। अंतर्मन में हालांकि, यही ऑब्सेशन घृणा बनकर बैठा हुआ है।

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कौन कर रहा है कोयले की दलाली में हाथ काले?

भारत के कोयला संकट को गहराने में जहां अंतरराष्ट्रीय समीकरणों की भूमिका रही वहीं देश के भीतर मौजूद कारण भी इसकी वजह रहे जिसने खदानों से लेकर बिजली संयंत्रों तक सप्लाई की लय को गड़बड़ा दिया। कई राज्यों में कोयले की उपलब्धता में कमी आयी है।

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दक्षिणावर्त: अपने ब्रह्म और आत्‍म से दूर होता हिंदू

सनातन संस्कार में समय का टुकड़ा, जिसे हम काल के नाम से जानते हैं, वह बहुत ही दूसरे अर्थों में इस्तेमाल किया जाता है, यदि इसे हम टाइम या समय के संदर्भ में देखें तो। यही वजह है कि आपको भारतवर्ष के शताब्दियों से गर्वोन्नत मंदिरों, स्थापत्य के चमत्कार गगनचुंबी धरोहरों के निर्माताओं का नाम कहीं नहीं मिलेगा।

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