जर्मनी में नाज़ी शासन और आइंस्टीन: कुज़नेत्सोव की पुस्तक से एक प्रसंग

वैज्ञानिकों की सूची में आइंस्टीन शीर्ष स्थान पर थे और उन्हें पता था कि किसी भी समय बगल के देश जर्मनी का कोई नाजी एजेंट मुसीबत बनकर आ सकता है और यह भी उन्हें पता था कि जर्मनी में रहने वाले उनके घनिष्ठ मित्र भी उनके प्रति चिंतित रहते हैं।

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ब्रिटेन सरकार का फ़रमान और ‘फारेनहाइट 451’ के मुहाने पर खड़ी दुनिया

दक्षिण एशिया के इस हिस्से में सांस्‍कृतिक युद्ध- जो पहले के विशाल ब्रिटिश साम्राज्‍य का ही हिस्सा था- उसी गतिमानता के साथ आगे बढ़ रहा है जहां हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान अब अरबीकरण की दिशा में आगे बढ़ा है जबकि भारत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रणीत हिन्दू राष्ट्र की दिशा में तेजी से डग बढ़ा रहा है।

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