हजारों करोड़ के कर्ज़ पर टिका शिवराज का ‘गरम’ हिन्दुत्व!

सूबे की माली हालत तो पहले से ही खराब थी, कोरोना और जीएसटी में कमी के कारण सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है. हालत यह है कि इस साल मार्च में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से पिछले 8 महीने के दौरान ही शिवराज सरकार अभी तक कुल दस बार में करीब 11500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.

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गोंडवाना रिपब्लिक के स्वप्नद्रष्टा हीरा सिंह मरकाम नहीं रहे, पढ़ें एक पुरानी बातचीत

हमारे समाज की पांच मुख्य समस्याएँ हैं। 1. भय 2. भूख 3. भ्रष्टाचार 4. भगवान व भाग्य और 5. भटकाव। ग्रंथ और गुरु के अभाव में सारा गोंडवाना भटक गया है। वैसे ग्रंथ तो कंगाली जी ने बहुत सारा लिख कर दे दिया। हमें लिंगो गुरु को स्थापित करके उनके कोया पुनेम दर्शन का प्रसार-प्रचार करना होगा।

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एक महामारी से कैसे न लड़ें? मध्य प्रदेश के शिवराज ‘मॉडल’ में छुपा है जवाब

जब महामारी से बचाव के उपाय किये जाने थे तब मध्य प्रदेश में सरकार गिराने और बचाने का खेल खेला जा रहा था

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मध्य प्रदेश में ‘सरकारात्मक पत्रकारिता’ का कोरोना-कालीन मुजरा

कुछेक अपवाद को छोड़कर इन दिनों लगभग सभी अखबार कोरोना महामारी को लेकर सारी खबरें वैसी ही छाप रहे हैं जैसा सरकार चाहती है

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गुजरात में अटके मध्य प्रदेश के सैकड़ों मजदूरों को शासन से कोई राहत नहीं!

मध्य प्रदेश शासन के उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के बिना आने वाले और 10 दिन 3 मई तक ही लॉकडाउन मानकर बच्चों–बहनों के साथ मजदूर आदिवासी समूहों को काटना भी मुश्किल है!

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MP ग़ज़ब है: इकलौते सरकार पर अफ़सरों का भार और विषाणु अपार

मध्य प्रदेश इस समय दिशाहीन प्रदेश हो गया है। वैसे भी यह मध्य में है। इसके साथ न उत्तर हैं दक्षिण है न पूरब है न पश्चिम है। यह भौगोलिक रूप से दिशाहीन शुरू से रहा है। अब इस कोरोना काल में तो बेचारा राजनैतिक रूप से भी दिशाहीन होकर भटक रहा है।

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