बात बोलेगी: दांडी की हांडी में पक रहा है “नियति से मिलन” का संदेश!
आने वाले 75 सप्ताहों तक ऐसा ही कुछ-कुछ होता रहेगा ताकि आज़ादी की हीरक यानी डायमंड जुबली मनाते समय आज़ादी के मूल आंदोलन में न सही, लेकिन उसके नाट्य रूपान्तरण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अत्यंत सक्रिय भूमिका का उल्लेख किया जा सके।
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