जो विपक्षी दल आपस में एक दूसरे के साथ लड़ते हैं, वे फ़ासिस्टों के साथ हैं: अरुंधति रॉय

हमें एक बड़ी अहम माँग उठाने की ज़रूरत है कि हमारे देश में कोई व्यक्ति सिर्फ़ एक ही कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बन सकता है। हमें राजा-महाराजाओं का समय नहीं चाहिए। वह समय ख़त्म हो गया। अब हमें माँग करनी है कि एक व्यक्ति सिर्फ़ एक ही बार प्रधानमंत्री बन पाए, उससे ज्यादा नहीं। हमारी तरफ़ से यह एक लोकतांत्रिक माँग उठनी चाहिए।

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बात बोलेगी: बिजली आ गयी है, लेकिन अर्द्ध-सत्य का अंधेरा कायम है!

सावरकर ने माफी मांगी यह सच है और गांधी ने ऐसा करने को कहा यह झूठ है। जब ये दोनों एकमेक हो गए तब जो परिणाम आए वो ये कि या तो दोनों बातें झूठी हैं या दोनों ही बातें सच हैं या दोनों ही आधा सच और आधा झूठ है। इस तरह से एक अर्द्ध-सत्य पैदा हो गया।

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No Land’s People: डिटेन्शन कैंप का रास्ता कानून से होकर जाता है

पूरी किताब नागरिकता ढूंढो के सरकारी और प्रायोजित अभियान की कलई खोलती है। खासकर ‘डिटेन्शन और डिपोर्टेशन’ पर विस्तृत चर्चा करने वाला अध्याय जब इस सरकारी और राजनीतिक कवायद से उपजी निराशा और हताशा को बयान करता है, तब कलेजा चाक हो उठता है।

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