छत्‍तीसगढ़: नीलाम होने वाली कोयला खदानों की लिस्‍ट बदलने के नाम पर धोखा हुआ है!

रिपोर्ट की मानें तो कोयला खदानों और इससे संबंधित गतिविधियों (ताप बिजली संयंत्र, वाशरी, राखड निपटान आदि) के कारण इस इलाके के अत्‍यधिक प्रदूषित होने के दस्‍तावेजी ढेरों प्रमाण उपलब्‍ध हैं और इस इलाके की 9 खदानों को नीलामी में शामिल करना राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन है।

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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल को लिखा पत्र: कल्लूरी पर करें कार्रवाई

पत्र में मुआवजा राशि की प्राप्ति की सूचना देते हुए मुख्यमंत्री बघेल को सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का अनुपालन करने के लिए धन्यवाद दिया गया है और आशा जाहिर की गयी है कि मानवाधिकार हनन से प्रताड़ित हजारों आदिवासियों और नागरिकों को भी न्याय मिलेगा।

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राज्‍य की असफलताओं पर किताब छापने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता ने मांगी CM की ‘गारंटी’!

अनिल गर्ग जल, जंगल और ज़मीन से जुड़े मसलों के प्रामाणिक विशेषज्ञ हैं। वे बैतूल में रहते हैं ओर बरसों से आदिवासियों व किसानों के बीच काम करते आये हैं। उन्‍होंने बीते सत्‍तर साल के दौरान किसानों के साथ हुए अन्‍यायों पर एक प्रामाणिक दस्‍तावेज़ी किताब तैयार की है।

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भिलाई औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों की बेदखली पर छत्तीसगढ़ के CM को NAPM का पत्र

जब भिलाई औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण के लिए दशकों पहले भूमि का अधिग्रहण किया गया था, तो स्वच्छ और विशाल श्रम शिविरों और श्रमिक कॉलोनियों में औद्योगिक श्रमिकों के आवास के लिए कई वादे किए गए थे – लेकिन ये कभी नहीं बनाए गए।

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मुफ्त अनाज का उठाव नहीं, जरूरतमंदों को खाद्यान्न सुरक्षा से वंचित कर रही है छग सरकार: किसान सभा

प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल मुफ्त देने की केंद्र की घोषणा के अनुसार प्रदेश के 40 लाख लोगों को कुछ राहत पहुंचाई जा सकती है लेकिन राज्य सरकार ने केवल 944 टन चावल का उठाव किया है, जो अधिकतम 95 हजार लोगों के बीच ही वितरित किया जा सकता है।

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छत्तीसगढ़: कोयला मजदूरों की हड़ताल के समर्थन में कल किसान-आदिवासी संगठन भी उतरेंगे मैदान में

आज यहां जारी एक बयान में इन किसान संगठनों से जुड़े नेताओं संजय पराते, आलोक शुक्ला, सुदेश टीकम, आई के वर्मा, राजिम केतवास, पारसनाथ साहू, तेजेन्द्र विद्रोही, नरोत्तम शर्मा, बाल सिंह आदि ने कहा कि विकास के नाम पर विभिन्न परियोजनाओं की आड़ में अभी तक दो करोड़ से ज्यादा आदिवासियों और गरीब किसानों को उनकी भूमि से विस्थापित किया गया है।

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आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर आदिवासियों की सहमति हासिल करना चाहती है बघेल सरकार: किसान सभा

किसान सभा नेताओं ने बस्तर की आम जनता, आदिवासी संगठनों और संस्थाओं, जागरूक बुद्धिजीवियों और जन प्रतिनिधियों से अपील की है कि इस परियोजना की आड़ में रचे जा रहे कुचक्र को समझें और खुलकर इसके खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करें।

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‘यातना गृह’ हैं छत्तीसगढ़ के क्वारंटीन केंद्र, CPM ने लगाये बदइंतज़ामी के गम्भीर आरोप

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे क्वारंटीन सेंटर्स को ‘यातना गृह’ करार देते हुए आरोप लगाया है कि बुनियादी मानवीय सुविधाओं से रहित इन …

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लागत तो दूर, महंगाई की भी भरपाई नहीं करता यह समर्थन मूल्य: किसान सभा

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मोदी सरकार पर किसानों के साथ कोरोना संकट में भी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है

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