केरल विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर दिया. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक घंटे के विशेष सत्र में केवल किसानों के मुद्दे पर चर्चा की और विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया.
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि किसानों की वास्तविक चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए और केंद्र को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. कांग्रेस और अन्य सभी दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है.
विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ट्वीट कर लिखा है कि,
केरल विधानसभा ने आज केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. हमारे राष्ट्रीय राजधानी किसान संघर्ष कर रहे हैं . वे ठण्ड और दूसरी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और बीते 35 दिनों में 32 जाने चली गयी हैं.
प्रस्ताव में कहा गया है कि-
देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है और आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ा होना राज्य सरकार का कर्तव्य है. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि आंदोलन खराब मौसम के बीच हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘तीनों कानून केवल बड़े कॉर्पोरेट घरानों की मदद करेंगे.’
प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा-
‘वर्तमान स्थिति यह स्पष्ट करती है कि यदि किसानों का आंदोलन जारी रहा, तो यह केरल को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अगर अन्य राज्यों से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बंद हो जाती है तो केरल में भुखमरी हो जाएगी.’
केरल विधानसभा में यह प्रस्ताव 23 दिसंबर को पास करने का निर्णय लिया था सरकार ने किंतु राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने पहले इसके लिए अनुमति देने से मना कर दिया था जिसके बाद सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद बढ़ गया था. उसके बाद राज्यपाल ने आज, 31 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र के लिए अनुमति दी थी.