सुलतान क्या होता है, ये आपने कभी सोचा है? महमूद गज़नी को अल-बिरूनी उर्फ़ इरफ़ान का जवाब


कहो अल-बिरूनी, तुम्हारे साथ क्या सुलूक किया जाय?

फलसफ़ी अबू रेहान अल-बिरूनी को कैद करने के बाद गज़नी के महमूद ने ये सवाल पूछा था।

अल-बिरूनी ने टके सा जवाब दियाः “मैं यहां अपनी मर्जी से नहीं हूं, अमीर महमूद और कैदी को अपनी ख्वाहिश पूरी करने की आज़ादी नहीं होती।”

गज़नी ने भड़क कर कहा, “अबू रेहान, एक सुलतान को इस तरह जवाब दिया जाता है?”

इसके बाद अल-बिरूनी ने लाख टके का सवाल पूछ डालाः “सुलतान क्या होता है, ये आपने कभी सोचा है?”

प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिखे डिस्कवरी आफ इंडिया पर बने दूरदर्शन के सीरियल भारत एक खाेज में इरफ़ान खान जिन छह अध्यायों में हमें नज़र आते हैं, उनमें एक एपिसोड महमूद गज़नी पर है। इसमें वे दार्शनिक अल-बिरूनी के किरदार में हैं।

इरफ़ान को याद करते हुए उन्हीं का अदा किया हुआ यह संवाद सुना जाना चाहिए। यह संवाद आज भी उतना ही मौजूं है जितना इस दौर के सुलतानों का किरदार, जो अब तक नहीं बदला है।


वीडियोः साभार दूरदर्शन


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