इतिहास का दुहराव भी कितना अश्लील हो जाता है!

जितेन्‍द्र कुमार  हिंदी के वरिष्‍ठ पत्रकार जितेन्‍द्र कुमार ने इतने बरसों में पहली बार सोशल मीडिया पर अपनी दखल देते हुए मंगलवार को अपना ब्‍लॉग शुरू किया जिसका नाम है ”यहां से देखो”। …

Read More

आडवाणी की नियति है कि वे सूरज बनकर चमक नहीं सकते…

बीजेपी की गोवा कार्यकारिणी के बाद चौतरफा नरेंद्र मोदी और लालकृष्‍ण आडवाणी को लेकर चर्चा है। ऐसे में आडवाणी पर कई बरस पहले शुरुआती ”चौथी दुनिया” में लिखी एक प्रोफाइल …

Read More

पर्यावरण बचाओ आंदोलन के 47 नारे

गांव छोड़ब नाहीं, जंगल छोड़ब नाहीं, मायेर माटी छोड़ब नाहीं, लड़ाई छोड़ब नाहीं  नदी का पानी और भूजल बोतल में बेचना बंद करो  धूप में बल्‍ब जलाना बंद करो  खेतों …

Read More

ज़रूरत है एक सच्‍ची सैनिक कार्रवाई की…

फरवरी 2002 में जब गुजरात के मुस्लिमों को चुन-चुन कर मारा जा रहा था, तब बनारस में संकटमोचन के पास एक चाय की दुकान पर दैनिक जागरण के संपादकीय पन्‍ने …

Read More

कथाकार मार्कंडेय की विरासत को धो रहे हैं उनके ”अनुज”!

अदृश्‍य घपलों-घोटालों से भरे हिंदी जगत में अमूमन सब कुछ हमेशा आरोप-प्रत्‍यारोप तक ही सीमित रह जाता है। इस बार हालांकि जो घपला हुआ है, वह हिंदी की परंपरा में …

Read More