तिर्यक आसन: भला-चंगा पगुराता विमर्शकार और बीमार विमर्श
पहले वक्ता के रूप में जैसे ही सुधारक ने माइक थामी, लगा जेठ की दोपहर में तपते वन पर रिमझिम-रिमझिम, रुमझुम-रुमझुम होने लगी। बारिश के इंतजार में भूमिगत हुए दादुर टर्राते हुए बाहर आ गए।
Read MoreJunputh
पहले वक्ता के रूप में जैसे ही सुधारक ने माइक थामी, लगा जेठ की दोपहर में तपते वन पर रिमझिम-रिमझिम, रुमझुम-रुमझुम होने लगी। बारिश के इंतजार में भूमिगत हुए दादुर टर्राते हुए बाहर आ गए।
Read More
कर्ज लेना भी एक उपलब्धि है। बशर्ते कि कर्ज लाखों-करोड़ों में हो। उसी कर्ज से खरोंच, फ्रैक्चर बन जाती है। कर्ज अगर बैंक की कृपा से एनपीए घोषित हो जाये, तो खरोंच, सेप्टिक जितनी घातक हो सकती है। टाँग काटने की नौबत आ सकती है। ऐसी खरोंच राष्ट्रीय ब्रेकिंग बनेगी- ध्यान से देखिए…।
Read More
फंडिंग के स्रोत का पता चलने के बाद, हो सकता है अजीत डोभाल सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दें- किसानों को फंड धरती दे रही है। हलफनामे के आधार पर सुप्रीम कोर्ट धरती को अदालत में हाजिर होने की तारीख मुकर्रर कर दे। दो-तीन तारीखों पर हाजिर न होने पर अदालत अपनी अवमानना मान धरती की कुर्की का आदेश सुना दे।
Read More
आज का विषय है- गौरव। घर का गौरव। क्षेत्र का गौरव। जिले का गौरव। प्रदेश का गौरव। देश का गौरव। गॉडफादर बनने का गौरव। गॉडमदर बनने का गौरव। सबसे बड़ा- पांडुलिपि की तकिया का गौरव।
Read More
आवारा फौज के कुछ सदस्य भोजन करने जाते हैं, अछूतों के घर। जब वे अछूतों के घर भोजन करने जाते हैं, तब अखबार में उनकी उदारता, सहिष्णुता के फोटो आते हैं। अगले दिन ‘फैक्ट चेक’ भी आता है- भोजन बाहर से मंगवाया गया था।
Read More
अपने प्रतिनिधियों की सरकार और अपने आविष्कारों पर जनता की निर्भरता देख स्टेट चिंतामुक्त हो गया है। हमारी चेतना पर वो तमाम पट्टियाँ बाँध चुका है। एक पट्टी खुलती है, तब तक राजनीति और धर्म के प्रतिनिधियों के सहयोग से नई पट्टी बाँध देता है।
Read More
हमने सदियों पहले ही दिमाग वाली मशीन बना ली है। हमारे यहाँ वो मशीनें आदम कही जाती हैं। आदम मशीनों के समूह में कोई आदम जाता है, तो मशीनें चिल्लाने लगती हैं- मारो, राक्षस आया। मशीन जाती है, तो स्वागत होता है- भाई आया। भाई आया।
Read More
चुम्बक सिर्फ धातुओं को आकर्षित करता है। स्वार्थ ऐसा शक्तिशाली चुम्बक है जो हाड़-माँस से बने आदमियों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। सात जन्मों की गाँठ सात दिन में टूट सकती है; स्वार्थ की गाँठ स्वार्थ की सिद्धि होने के बाद टूटती है।
Read More
अमुक धर्म खतरे में है भी एक व्यवसाय है। स्टार्ट-अप का एक रूप है। इस व्यवसाय के माध्यम से जो सेटल हुए हैं, जिनको रोजगार मिला है, उनकी ठीक-ठीक संख्या बता पाना मुश्किल है क्योंकि इस स्टार्ट-अप से सेटल होने वालों की संख्या स्थिर होने का नाम ही नहीं ले रही।
Read More
उनकी एक दुकान है- मेंस सलोन। दुकान के बाहर नवढ़ों को वे ‘’हिंदू खतरे में है’’ का लिंक देते हैं। दुकान के अंदर मुसलमान कारीगरों से बाल-दाढ़ी बनवाते हैं। फेशिअल, ब्लीच कराते हैं। मसाज भी कराते हैं।
Read More