जान ख़तरे में है इंसान की, फिर क्या जल्दी है आस्था के प्रदर्शन की?

क्या हम कभी इसके पीछे की तर्कप्रणाली को जान सकेंगे कि जब मुल्क में कोविड-19 संक्रमण के महज 500 मामले थे तो मुल्क के कर्णधारों ने दुनिया में सबसे सख्त …

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समुदाय केन्द्रित कोरोना मैपिंग का प्रश्न? नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट!

हमें दक्षिणपंथ की इस क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए कि वह किसी भी आपदा को अपने असमावेशी, नफरत पर टिके, मानवद्रोही एजेण्डा को आगे बढ़ाने के लिए अवसर में बदल सकती है।

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द्रोण मानसिकता या अग्रणी शिक्षा संस्थानों में ऑपरेशन एकलव्य?

आखिर और कितने मासूमों की बली चढ़ेगी ताकि यह जाना जा सके कि मुल्क के अग्रणी शिक्षा संस्थानों में जातिगत एवं समुदाय आधारित भेदभाव बदस्तूर जारी है

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आला अदालत के आदेश के बाद भी जेलों की भीड़ क्यों नहीं कम की जा रही है?

डॉ. असगरी की दुर्दशा का किस्सा बरबस भारतीय जेल में बन्द एक दूसरे प्रोफेसर की उसी किस्म की स्थिति की तरफ ध्यान आकर्षित करता है, जिनका नाम है प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे

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