आप न्यूज़ चैनल क्यों देखते हैं?

आप ये सोचिए कि क्या तमाम न्यूज़ चैनल देखने के बावजूद आपको ये बुनियादी जानकारी थी कि लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या खुला रहेगा? ट्रेन कब चलेंगी? एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने के नियम क्या हैं? क्या ये बातें आपको न्यूज़ चैनलों के द्वारा बतायी गयी थीं या आपने बड़ी मुश्किलों से ये जानकारी खुद जुटायी और फिर भी कंफ्यूज़ रहे?

Read More

”टू मच डेमोक्रेसी” वाला वर्ष और अंत में रुकावट के लिए एक खेद!

टू मच डेमोक्रेसी में सवाल के हिसाब से जवाब नहीं दिये जाते बल्कि जवाब के हिसाब से सवाल किए जाते हैं। असल में टू मच डेमोक्रेसी में सरकारों का काम ही ये होता है और सरकारें इस काम को पूरी शिद्दत के साथ करती है। यहां तक कि विश्व महामारी में भी वो अपने इस एजेंडा से टस से मस नहीं होती।

Read More

क्या साढ़े तीन महीने में बिहार के हर घर तक नल से पानी पहुंचा पाएंगे नीतीश कुमार?

अब भी बिहार के ऐसे 16 ज़िले हैं जहां पानी की उपलब्धता का आंकड़ा 50 प्रतिशत से नीचे है। इनमें 6 ज़िले ऐसे हैं जहां ये आंकड़ा 40 प्रतिशत से नीचे है। चार ज़िले ऐसे हैं जहां ये आंकड़ा 30 प्रतिशत से नीचे है।

Read More

भूखे-नंगे देश में पोषण पर क्विज़ और मीम?

पांच साल से कम आयु वर्ग के बच्चों की मौत में हम विश्व में पहले स्थान पर हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में पोषण पर क्विज़ और मीम प्रतियोगिता कराने में व्यस्त और खुद पर मंत्रमुग्ध हैं।

Read More