स्‍मृतिशेष: सियासी कुटिलताओं के बीच एक सदाशय ‘योद्धा संत’ के पांच दशक

वह बहुत निश्छल स्वभाव के और विशुद्ध मानवतावादी थे। सबसे ‘बना’ कर रखते थे। नक्सलवादियों से भी मधुर संबंध और वाजपेयी या मुरली मनोहर जोशी या गोपीनाथ मुंडे से भी मधुर संबंध।

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फर्जी मुठभेड़ों को सभी सियासी दलों की स्वीकृति का दो दशक पुराना इतिहास

आनंद स्वरूप वर्मा की एक टिप्पणी का अंश जो उनकी पुस्तक ‘पत्रकारिता का अंधा युग’ से लिया गया है।

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भारत-नेपाल विवाद: इतिहास के पन्नों में दफ़न है कालापानी के स्वामित्व का सच

भारत स्थित नेपाली राजदूत नीलांबर आचार्य के सामने यह मुश्किल पैदा हो गई है कि भारत के विदेश विभाग के अधिकारियों से किस तरह बात करें। राजदूत ने कई बार प्रयास किए लेकिन अधिकारियों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। नेपाली दूतावास के सूत्रों के अनुसार राजदूत ने औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों चैनलों से यह प्रयास किया कि विदेश विभाग के साथ उनका संपर्क हो जाए लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

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स्मृतिशेष डॉ. श्याम बिहारी राय: वह अंतिम समय तक आंदोलनकारी की भूमिका में ही रहे

डॉ. श्याम बिहारी राय से मेरे पहली मुलाक़ात 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों में किसी समय दिल्ली में हुई थी और तब से अंत तक उनके साथ जीवंत संबंध …

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मनीषा के बहाने एक देश की सम्प्रभुता को ठेंगा दिखाने वाले शासक वर्ग के पिट्ठू पत्रकार

किसी चैनल पर तर्कपूर्ण ढंग से यह देखने को नहीं मिला कि कालापानी, लिपुलेक विवाद वस्तुत: क्या है

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भारत और चीन दोनों को सम्प्रभुता का एक संदेश है नेपाल का नया नक्शा

नेपाल ने आधिकारिक तौर पर अपना नया नक्शा जारी किया जिसमें कालापानी, लिम्पियाधुरा तथा लिपुलेक को नेपाल का भू-भाग बताया है

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