महाराष्ट्र के धुलिया, जलगांव, परभणी, मालेगांव, नासिक सहित विभिन्न जिलों के डेढ़ सौ से ज्यादा किसान आज शिरपुर, सेंधवा ,ठीकरी, धर्मपुरी ,धामनोद होतेहुए इंदौर पहुंचे। इंदौर के राज मोहल्ला चौराहे स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर इन नेताओं ने माल्यार्पण किया। महाराष्ट्र के इस किसानों के जत्थे का किसान संघर्ष समन्वय समिति की इंदौर इकाई, संयुक्त किसान मोर्चा, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति और किसान खेत मजदूर संगठन तथा एटक व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।
यहां हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि:
मोदी सरकार कारपोरेट का भला करने के लिए किसान विरोधी कानून लाई है जिससे खेती किसानी बर्बाद होगी तथा किसानों की आत्महत्याओं का दौर और बढ़ेगा। पिछले 40 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में 53 से ज्यादा किसान अपने जीवन की आहूति दे चुके हैं। उसके बावजूद भी मोदी सरकार नहीं पसीज रही है और चर्चाओं की केवल नौटंकी कर रही है। यदि तीनों बिल वापस लेने को सरकार तैयार नहीं होती है तो देश भर के किसानों का पहुंचना जारी रहेगा और इस किसान आंदोलन को अंग्रेजों के जमाने में हुए किसान आंदोलन जैसा ऐतिहासिक बनाया जाएगा।
महाराष्ट्र के इस किसान जत्थे का नेतृत्व प्रशांत सोनोने राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्यशोधक शेतकरी सभा,सुभाष दादा काकुस्ते राष्ट्रीय सचिव (अखिल भारतीय किसान मोर्चा), लाल निशान श्रमिक शेतकरी संघटना, किशोर ढमाले राष्ट्रीय संघटक सत्यशोधक शेतकरी /कष्टकरी सभा कर रहे है। जत्थे में डेढ़ सौ से ज्यादा किसान शामिल है।
इंदौर पहुंचने पर जत्थे का स्वागत रामस्वरूप मंत्री, एसके दुबे, प्रमोद नामदेव, कैलाश लिंबोदिया, सीएल सरावत, छेदी लाल यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, अजित पवार, शेर सिंह यादव, भागीरथ कछवाय ,डा. पीयूष जोशी, सीमित जाने, मनोज यादव, सीमित चावला सहित विभिन्न कार्यकर्ताओं ने किया।
जत्थे के नेताओं ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। यह जत्था उज्जैन, कोटा होते हुए आज शाम जयपुर पहुंचेगा। कल दिल्ली की सिंधु बॉर्डर पहुंचेगा।
जत्थे के नेता किशोर दाभाले ने बताया कि महाराष्ट्र का यह तीसरा जत्था है जो तीनों किसान विधेयक वापस लेने तक वही रहेगा। यदि सरकार अपने काले कानून वापस नहीं लेती है तो महाराष्ट्र में भी आंदोलन और तेज किया जाएगा।
किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड द्वारा जारी