भारतीय आजादी आंदोलन के योद्धा पिरई खां की याद में बहादुरपुर ब्लाक अंतर्गत पूरा पिरई गांव में उन्हें शिद्दत से याद किया गया। आदरांजलि समारोह को संबोधित करते हुए संत द्वारिका प्रसाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोटवा, अम्बेडकर नगर के प्रबंधक डॉ. हरीश वर्मा ने कहा कि पिरई खां कुशल सैनिक व युद्धनीति में माहिर शख्स थे। उनके नेतृत्व में चले स्वतंत्रता संग्राम में गुरिल्ला क्रांतिकारियों ने लाठी-डंडे, तलवार, फरसा, भाला, किर्च आदि लेकर मनोरमा नदी पार कर रहे अंग्रेज अफसरों पर 10 जून, 1857 को धावा बोल दिया जिसमें लेफ्टिनेंट लिंडसे, लेफ्टिनेंट थामस, लेफ्टिनेंट इंगलिश, लेफ्टिनेंट रिची, लेफ्टिनेंट काकल और सार्जेंट एडवर्ड की मौके पर मौत हो गई थी।
तोपची सार्जेंट बुशर जान बचाकर किसी तरह भागने में सफल रहा। उसने ही घटना की जानकारी वरिष्ठ अफसरों को दी। इस क्रांतिकारी घटना से ब्रिटिश सरकार हिल गई थी। समारोह के विशिष्ठ अतिथि भारतीय शहीद मेमोरियल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विद्याराम विश्वकर्मा ने जोर देते हुए कहा कि महुआ डाबर एक्शन के बाद फिरंगी सरकार ने अंग्रेज अफसरों की हत्या के अपराध में यहां के लोगों के घर-बार, खेती-बारी, रोजी-रोजगार सब आग के हवाले कर तहस-नहस कर दिया गया। इस गांव का नामोनिशान मिटवा कर ‘गैरचिरागी’ घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, क्रांतिकारी नेताओं का भेद जानने के लिए गुलाम खान, गुलजार खान पठान, नेहाल खान पठान, घीसा खान पठान व बदलू खान पठान आदि क्रांतिकारियों को 18 फरवरी 1958 सरेआम फांसी दे दी गई थी।
डॉ. विश्वकर्मा ने इन सशस्त्र लड़ाका पुरखों की याद में स्मारक बनाने की मांग की। समारोह को सहायक अध्यापक विनोद कुमार, मास्टर मोहिउद्दीन खान, आदिल खान आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता पूरा पिरई गांव प्रधान और संचालन क्रांतिकारी लेखक शाह आलम ने किया।
क्रांतिवीर पिरई स्मृति समारोह के लिए देश-विदेश के नामी शख्सियतों और विद्वानों ने लिखित आदरांजलि भेजी है उनमें यूनिवर्सिटी ऑफ नैरोबी, केन्या के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर केनेथ एस ओम्बोंगी, अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, यूनिवर्सिटी आफ टैक्सास (अमेरिका) के प्रोफेसर एमिरेट्स सेन पाठक, सूबे के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, गुजरात के डीजीपी डॉ. विनोद कुमार मल्ल, अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार अशोक भौमिक, वरिष्ठ दस्तावेजी फोटो पत्रकार सुनील दत्ता, प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक अनिल रंजन भौमिक, मुम्बई के कस्टम आयुक्त सुनील कुमार मल्ल, अवध विवि के अकादमिक सलाहकार डॉ. अरुण प्रकाश, नाइजर देश की वरिष्ठ फ्रेंच पत्रकार आइशा अब्दुल्लई, फिल्म निर्माता-निर्देशक डॉ. आलोक सोनी, अवध विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य व पुरातन छात्र सभा के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह शामिल हैं।