हम अधोहस्ताक्षरी संगठन ढिंकिया गांव के निवासियों पर ओडिशा पुलिस द्वारा किए गए अमानवीय बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। जैसा जमीनी स्तर से सामने आ रहे वीडियो और रिपोर्टों में देखा जा रहा है प्रशासन द्वारा जबरन विनाशकारी कार्यवाही के खिलाफ अपने पान के खेतों की रक्षा कर रही महिलाओं और बच्चों समेत कई ग्रामीण आज पुलिस की कार्यवाही में घायल हुए हैं। यह भी पता चला है कि नरेंद्र मोहंती, देबेंद्र स्वैन समेत और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
ज़मीनी रिपोर्टों के अनुसार शुक्रवार 14 जनवरी 2022 को दोपहर लगभग 1:30 बजे ग्रामीण वासियों और पुलिस बल के बीच स्थिति बिगड़ गई क्योंकि पुलिस ने ग्रामीणों के सुपारी के खेतों को नष्ट करना शुरू कर दिया। पुलिस ने कहा कि सहमति के बिना किसी पान की बेल को तोड़ा नहीं गया लेकिन पुलिस ने हमले के बाद प्रदर्शनकारियों की कई पान की बेलें तोड़ दीं। विध्वंस मनमाना था और JSW परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए प्रशासन की चाल का हिस्सा था।
ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया गांव में प्रस्तावित JSW उत्कल की स्टील, सीमेंट और अन्य परियोजनाओं का ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले वर्ष 20 दिसंबर को पुलिस द्वारा ग्रामीणों पर की गई हिंसक पुलिस कार्यवाही के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया था। ढिंकिया के लोगों ने गांव की सीमा का सीमांकन करने के प्रशासन के कदम और JSW परियोजना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दो निवासियों की गिरफ्तारी का विरोध किया था।
यह वही जगह है जहां पोस्को ने पहले एक बड़ी स्टील परियोजना शुरू की थी, लेकिन पोस्को के ढिंकिया गांव से बाहर निकलने के बाद ओडिशा सरकार ने JSW उत्कल स्टील को पारादीप पोर्ट, ओडिशा के पास जगतसिंहपुर में 65000 करोड़ की लागत से 13.2 MTPA स्टील प्लांट, 10 MTPA सीमेंट और 900 MW कैप्टिव पावर प्लांट की स्थापना के लिए प्रस्तावित ज़मीन दी है।
ग्रामीणों ने तब पोस्को परियोजना का विरोध किया था और अपने जीवन और आजीविका के लिए एक दशक से लंबी लड़ाई लड़ी थी और अब वे फिर से क्षेत्र में JSW स्टील की प्रस्तावित परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि पान, सुपारी, धान, काजू की खेती और मछली पकड़ने जैसे आजीविका पर उनका जीवन निर्भर है।
उक्त परियोजना के लिए लगभग 3000 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। ओडिशा के इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आईडीसीओ) ने पोस्को के लिए जिले के नुआगांव, गडकुजंगा और ढिंकिया ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले गांवों में 2,700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसमें से अधिकांश JSW को दी जाएगी। प्रशासन अब नई परियोजना के लिए 748 एकड़ और अधिग्रहण करना चाहता है, जो ढिंकिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है।
गांव के एक निवासी ने कहा, “धान, सुपारी और मछली जो हम यहां उगाते हैं, उसने हमें पीढ़ियों तक बनाए रखा है। हम इस परियोजना को किसी भी कीमत पर नहीं आने देंगे।”
ढिंकिया की महिलाओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह लोगों को उनकी पान की बेलों को तोड़ने के लिए राजी करने और परियोजना का रास्ता साफ करने के लिए धमका रही है। उनका आरोप है कि पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं क्योंकि प्रशासन गॉंवों का सीमांकन और निराकरण कर रहा है।
इस परियोजना से सीधे तौर पर प्रभावित पोलांग, बयाना कांधा, गोबिंदपुर, ढिंकिया, नौगांव, जटाधारा गॉंवों के कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया है। यह परियोजना न केवल लोगों की पारंपरिक आजीविका को नष्ट करेगी बल्कि उन्हें प्राकृतिक संसाधनों से भी वंचित करेगी। यह पर्यावरण (वायु, जल, ध्वनि और भूमि), सामाजिक-आर्थिक (स्थानीय आजीविका का नुकसान, विभिन्न वृक्षारोपण की हानि और पारंपरिक ज्ञान के पीढ़ीगत हस्तांतरण), पारिस्थितिकी और स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा।
ऐसे समय में जब कोविड की तीसरी लहर हमें मार रही है, ग्राम प्रशासन और सरकार प्रभावित परिवारों और ग्रामीणों के साथ बिना किसी परामर्श के इनमें से कुछ कॉर्पोरेट परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए दृढ़ संकल्पित है जिसके कारण प्रभावित परिवार अपनी भूमि और पारंपरिक व्यवसायों से विस्थापित हो जाएंगे।
हम ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक से ग्रामीणों पर इस बर्बर पुलिस हमले को रोकने, उनके जीवन और आजीविका के अधिकार की रक्षा करने और JSW परियोजना को तत्काल स्थगित करने की मांग करते हैं।
हम यह भी मांग करते हैं कि गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों को तुरंत रिहा किया जाए और उनके खिलाफ लगाए गए सभी मामलों को तत्काल वापस लिया जाए।
यह विज्ञप्ति ढिंकिया और आसपास के गांवों के संघर्षरत लोगों के समर्थन में जारी की जा रही है।
फ़्रेंड्ज़ ओफ़ द अर्थ foeindia21@gmail.com
दिल्ली समर्थक समूह delhisolidaritygroup.dsg@gmail.com
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय napmindia@gmail.com
For more information:
प्रफुल्ला सामंत्रा, प्रशांत पैकरे, सोनू यादव, शबीना, जिबिन रोबिन
+91 82490 23220, +91 94375 71547
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