बनारस: गांव-गांव बिना संसाधन जान बचाने वाले 250 असली ‘कोरोना योद्धाओं’ को अनूठा सम्मान


कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान गाँव-गाँव में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों का बहुत ही सराहनीय और उल्लखनीय योगदान रहा। जब सरकारी अस्पतालों और बड़े अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था उस समय दूरदराज के गाँवों में चिकित्सकजन ने बड़े ही जिम्मेदारी से पीड़ित और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुलभ करायी। इन चिकित्सकों के पास प्रायः बड़ी डिग्री नहीं होती लेकिन इनका विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज करने का अनुभव कहीं बहुत ज्यादा है और यही कारण था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों की जान बचायी।

सामाजिक संस्था ‘आशा ट्रस्ट’ द्वारा विभिन्न जिलों में ऐसे ग्रामीण चिकित्सकों को चिन्हित करके उन्हें “कोरोना योद्धा सम्मान” से सम्मानित करने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। इस क्रम में रविवार को ट्रस्ट के वाराणसी स्थिति कैथी भंदहा कला केंद्र पर 21 चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। साथ में उन्हें स्वास्थ्यरक्षक किट भी प्रदान किया गया जिसमें ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर,  थर्मल स्कैनर, वेपोराइजर, फेस शील्ड, दस्ताना, मास्क, दवाएं आदि हैं जिसका चिकित्सा के दौरान प्रयोग किया जा सके।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजवादी चिंतक डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कर रहे निजी चिकित्सकों ने महामारी के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल कायम की है, उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।

डॉ. सरोज आनंद ने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों को आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उपयोग का  प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर वे बेहतर से सेवा दे सकें।

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा कई जिलों में मिला कर कुल 250 ग्रामीण चिकित्सकों को चिन्हित कर सम्मानित करने की योजना है, भविष्य में हम इन्हें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि भी उपलब्ध कराने के बारे में विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में सभी को बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता है, जिसमें हर 1000 की आबादी पर न्यूनतम आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग हो।

किसान नेता राम जनम भाई ने कहा कि प्रत्येक गाँव में मानदेय पर जनस्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जांच जैसे रक्तचाप, मधुमेह, ऑक्सीजन स्तर आदि आसानी से सुलभ हो सके।

सम्मानित किये गये चिकित्सक हैं संजय त्रिपाठी, सुभाष सिंह, बिहारी लाल, सतीश मिश्र, काशी नाथ यादव, रामबली, राजेश सिंह, कृष्णमुरारी श्रीवास्तव, मोहम्मद यूनुस खान, नखडू प्रसाद, सत्यनारायण यादव, नरेंद्र सोनकर, धीरेन्द्र सोनकर, कैलाश नाथ यादव, आनंद तिवारी, मोहम्मद इम्तियाज, गोविन्द पाण्डेय, हरिश्चंद्र त्रिपाठी, बचाऊ निषाद।

कार्यक्रम में चिकित्सकों ने कोरोना संकट काल के समय के अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में दीन दयाल सिंह, सूरज पाण्डेय, रमेश प्रसाद, प्रदीप कुमार सिंह, विनय सिंह, अभिषेक, वैभव, आनंद प्रिया, अजय पटेल, हर्षित आदि की प्रमुख भूमिका रही।



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