वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर पूर्वांचल में भी संयुक्त किसान मोर्चा के गठन और किसान आंदोलन की कवायद तेज हो गई है।
वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के सभागार में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पूर्वांचल में सक्रिय विभिन्न किसान और मजदूर संगठनों के सौ से ज्यादा नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्वी इकाई का गठन करने, हर जिले में संयुक्त किसान मोर्चा का सम्मेलन करने, तीन जिलों (वाराणसी, इलाहाबाद और गाजीपुर) में किसान महापंचायत करने, आदि मुद्दों पर रणनीति बनी।
साथ ही किसान और मजदूर नेताओं ने तय किया कि पूर्वी इकाई के गठन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के चुनावों में ऐसे प्रत्याशियों को वोट नहीं देने के लिए अभियान चलाएगा जो किसान विरोधी कानूनों के पक्षधर हैं।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता और समाजवादी चिंतक अफलातून देसाई, स्वराज अभियान के नेता राम जनम और किसान-मजदूर नेता बलवंत यादव की संयुक्त पहल पर सर्व सेवा संघ में शनिवार को वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, इलाहाबाद, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, आदि जिलों के 100 से ज्यादा किसान नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें समाजवादी जन परिषद, स्वराज अभियान, लोकविद्या जन आंदोलन, आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा, भारतीय किसान सेना, भारतीय किसान यूनियन, जय किसान आंदोलन, मारवाड़ी ग्रुप, संयुक्त किसान मोर्चा गोरखपुर, अखिल भारतीय किसान महासभा, किसान महासभा, रिहाई मंच, उत्तर प्रदेश किसान सभा, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा, रेल मजदूर यूनियन, रिदम, सीपीआई, सीपाईएमएल, आदि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
किसान-मजदूर नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की यह बैठक समाजवादी चिंतक विजय नारायण, लोकविद्या आश्रम के सुनील सहस्रबुद्धे, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व प्रोफेसर महेश विक्रम, किसान महासभा के रामजी सिंह, उत्तर प्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल सिंह के अध्यक्ष मंडल के नेतृत्व में हुआ। बैठक का संचालन संयुक्त रूप से अफलातून देसाई, राम जनम और बलवंत यादव ने किया।