कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को उत्तराखंड के रामपुर पहुंच कर दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हादसे में शहीद हुए युवा किसान नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में हिस्सा लिया. प्रियंका ने मृतक किसान के परिवार से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की. नवरीत सिंह मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने आए थे.
प्रियंका गांधी ने परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा-
यहां हम शहीद नवरीत की याद में आए हैं. मुझे अपने अनुभव से मालूम है कि यह शहीद है और उनकी शहादत को कभी भुला नहीं सकते. उस शहादत से दिल में एक बात आती है कि, अपने प्यारे की शहादत व्यर्थ ना हो यही सब की तमन्ना है. प्रियंका बोलीं नवरीत 25 साल के थे, मेरा बेटा 20 साल का है आपके भी नौजवान बेटे होंगे. लेकिन उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वह वापस नहीं आए.
प्रियंका गांधी ने सवाल करते हुए कहा कि-
क्यों गए थे वहां कोई राजनीतिक साजिश नहीं थी, वह इसलिए गए थे क्योंकि उनके दिल में दुख था एक पीड़ा थी उन्हें मालूम था कि एक जुल्म हो रहा है. उन्हें मालूम था कि केवल जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना उस से भी बड़ा पाप है. एक नौजवान बच्चा दिल्ली से इतना दूर डिबडिबा से आंदोलन में शामिल होने पहुंचा था, यह उम्मीद रखते हुए कि सभी इकट्ठा होंगे तो सरकार उनकी बात सुनेगी और उनकी सुनवाई करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
उन्होंने आगे कहा –
यह आंदोलन किसानों का है . इसमें राजनीति करने का वक्त नहीं है. यह देश का आंदोलन है और एक देशवासी इस आंदोलन में शामिल है. हम आपके साथ है….
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