चुनावी मौसम का जायज़ा लेने निकले पत्रकारों पर हमले का मौसम भी शुरू हो चुका है। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से चलने वाली लोकप्रिय समाचार वेबसाइट जनज्वार का है जिसके संपादक अजय प्रकाश को सोमवार उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर में हिरासत में ले लिया गया। वे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के चुनाव क्षेत्र खटीमा में रिपोर्ट करने जा रहे थे। यहाँ 14 फरवरी को मतदान होना है।
देर शाम जब अजय प्रकाश से फोन पर बात हुई उसे वक्त उन्हें पिछले सात घंटे से पुलभट्टा थाने में बैठा कर रखा गया था। बताया जा रहा है कि जिले के एआरटीओ (एनफोर्समेन्ट) बी.के. सिंह से उनकी झड़प हुई थी, जिसके बाद अधिकारी ने उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 353 में पुलभट्टा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
मामला सोमवार दिन का है जब जनज्वार की टीम एक किराये पर ली हुई गाड़ी से खटीमा जा रही थी। बरेली के रास्ते पर परिवहन विभाग वाहनों को रोक कर चेकिंग कर रहा था और लंबा जाम लगा हुआ था। इसी बीच जनज्वार की गाड़ी को रोका गया ओर लाइसेंस मांगा गया। फिर लाइसेंस ज़ब्त कर लिया गया। पत्रकारों ने इसका प्रतिवाद किया और वहीं मौके से मामला लाइव कर दिया जिससे परिवहन अधिकारी बी.के. सिंह उखड़ गए और जेल में डालने की धमकी देने लगे।
पत्रकारों और अधिकारी के बीच तीखी बहस मुकदमेबाजी तक पहुंच गयी। जनज्वार की टीम को थाने में बैठा लिया गया। अजय प्रकाश ने फोन पर बताया कि उन्हें कहा गया है कि इस मामले में यदि एसएसपी दखल देते हैं तो थाने से ही मुकदमा खारिज हो जाएगा नहीं तो अगले दिन अदालत से ज़मानत करवानी पड़ेगी।
अजय प्रकाश ने बताया कि उन्हें एफआइआर की प्रति अभी नहीं दी गयी है।
कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग के निर्देश पर उधमसिंह नगर के एसएसपी बदले गए हैं। दिलीप सिंह कुंवर का तबादला कर के राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कोई तीन सप्ताह पहले बिरेंदरजीत सिंह को नया कप्तान नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही कुछ और अहम बदलाव जिला प्रशासन में चुनाव अधिसूचना आने के एक दिन पहले किए गए थे।
आम तौर से पिछले दो साल से पत्रकारों के काम में बाधा डालने का जो चलन चला है, उसमें सरकारी अधिकारी सरकारी काम में बाधा डालने की धाराएं लगाकर पत्रकारों का उत्पीड़न करते देखे गए हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में 2020 और 2021 के लॉकडाउन के दौरान ऐसे बहुत से मामले सामने आए थे। उत्तराखंड में अब इसी परिपाटी पर मामला सामने आना चिंताजनक है।