नर्मदा बचाओ आंदोलन के सैकड़ों किसान मजदूरों ने 2 से 4 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश के संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य संगठन और श्रमिक जनता संघ सहित अनेक श्रमिक संगठनों के साथ नीलम पार्क, भोपाल में धरना दिया। धरने पर विविध सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा पांच राजनीतिक दलों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने पहुंचकर आवेदन स्वीकारा और किसान-मजदूरों की विशेष मांगे स्वीकार कर अपने घोषणापत्र/संकल्पपत्र में सम्मिलित करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री जी के निवास पर पैदल जुलूस द्वारा पहुंचने का निर्णय लेने के बाद अनेक विशेष अधिकारी, ओएसडी श्री संतोष शर्मा जी स्वयं वहां पहुंचे और उन्होंने संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनी तथा आवेदन स्वीकार कर मुख्यमंत्री जी तक त्वरित पहुंचाने का भरोसा दिया।
नर्मदा आंदोलन के 20 किसान-मजदूर, डूबग्रस्त प्रतिनिधि एवं मेधा पाटकर सहित कार्यकर्ताओं के साथ 5 अक्टूबर को नर्मदा भवन, भोपाल में अपर मुख्य सचिव और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस.एन.मिश्रा जी तथा मा. आयुक्त, एनवीडीए मालसिंह भयडिया जी के साथ अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में तीन घंटे चर्चा हुई।
इस साल बड़वानी, धार, खरगोन, अलीराजपुर जिले के करीबन 150 गावों में आई डूब- नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने सरदार सरोवर का अधिकतम जलस्तर तथा बैकवाटर लेवल्स, केंद्रीय जल आयोग ने 1984 में तय किये लेवल्स बदलकर 15946 परिवारों को ‘’डूब से बाहर’’ करने से- बर्बादी ला चुकी है। इस मुद्दे पर विविध अहवाल और नर्मदा ट्रिब्यूनल फैसले का आधार लेकर आंदोलनकारियों ने हकीकत प्रस्तुत की। अधिकारियों ने पूर्व में तय किए बैकवाटर लेवल्स ही मान्य करने के लिए नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण से चर्चा और निर्णय प्रक्रिया का आश्वासन दिया!
बड़वानी, धार, खरगोन जिले में, नावड़ाटौली से भादल तक नर्मदा के दोनों किनारो के हजारों घर ध्वस्त हुए हैं और हजारों एकड़ खेती, फसल,घर-घर का सामान बर्बाद हुआ इस पर आक्रोश जताते हुए पुनर्वास कार्य पूरा न होने के कारण तथा उर्वरित कार्य- 60 लाख रुपये पाने वाले, 15 लाख रुपये के पात्र, 5 लाख 80 हजार के पात्र, तथा कुम्हार, मछुआरे, दुकानदारों की हकदारी पर प्रस्तुति हुई। साथ ही जिलाधिकारी, आयुक्त एवं भोपाल में राज्यस्तरीय अधिकारियों के समक्ष प्रलंबित प्रकरणों पर चर्चा होकर, हर मुद्दे पर ठोस कार्यवाही के आश्वासन लिए गए।
आयुक्त महोदय तथा जिलाधिकारियों को नुकसानी का विस्तृत विवरण के साथ पंचनामा तैयार करने के कार्य संबंधी उपाध्यक्ष मिश्रा जी ने कई निर्देश दिए और आयुक्त महोदय ने शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष प्रलंबित हजारों प्रकरणों के त्वरित निराकरण संबंधी प्रगति का ब्यौरा सामने रखा।
पुनर्वास अधिकारी की तथा संबंधित कर्मचारियों की पदभर्ती एवं शिकायत निवारण प्राधिकरण (जीआरए) के भूतपूर्व न्यायाधीशों की नियुक्ति की मांग सशक्त रूप से रखी तब पुनर्वास अधिकारी, चुनाव के बाद ही, नियुक्त हो सकेंगे, यह कहते हुए, रिक्त पद रखना नहीं चाहिए, यह बात भी अधिकारी समूह नकार नहीं पाया!
सबसे अहम बात उठी, शासकीय आदेश, आरबीसी के तहत जो भी आपदा के बाद (जो केवल प्राकृतिक नहीं, काफी हद तक शासन निर्मित बताई गई) पंचनामा, नुकसान भरपाई देना और निवास एवं भोजन की सुविधा. मवेशियों को चारा, सभी राहत कार्य हर डूबग्रस्त तक पहुंचाने के आदेश देकर करवाने का निर्णय दिया। मृत पशुओं, बह गया अनाज, सामान आदि की पूर्ण भरपाई देने के साथ, तत्काल से राहत की राशि हर प्रकार के नुकसान की कीमत पर आधारित दी जाएगी, यह अधिकारी समूह ने मंजूर किया। 993 मृत पशु तथा 6 मृत व्यक्तियों को आदेश तथा नियमअनुसार पूर्ण भरपाई मंजूर हुआ। हर ग्राम पंचायत में नुकसान ब्यौरा चस्पा किया जाना भी तय हुआ।
आज तक धार जिले में राहत कार्य आगे बढ़ा है, तो बड़वानी जिले में पिछड़ा हुआ है। धार जिले के हजारों परिवार निसरपुर के बयड़ीपूरा, धरमपुरी के 5 / 6 वार्ड्स, कटनेरा, निमोला, एकलबारा, बड़ाबडदा, खलघाट– गाजीपुरा के; बड़वानी के छोटा बडदा, पिछोडी, जांगरवा, आवल्दा आदि गावों की तथा पहाड़ी के अधिक जमीन डूबने से, या अतिक्रमित जमीन देने से अवैधता और अन्याय भुगतने वालों की मांग रही है कि आरबीसी के तहत तात्कालिक अनुदान और पंचनामा आधारित पूर्ण भरपाई तथा नई पात्रता अनुसार भूअर्जन और पुनर्वास का कार्य, डूबग्रस्त हजारों परिवारों के संबंध में पूर्ण होने तक कानून अनुसार सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मीटर पर ही रखना चाहिए। उपाध्यक्ष महोदय मिश्रा जी ने हर मुद्दे पर सुनवाई और चर्चा करके निर्णय लेना मंजूर किया।
देवीसिंह तोमर
धनराज आवस्या
मिथुन कन्नोज
मुकेश भगोरिया
राहुल यादव
महेंद्र मंडलोई
कमला यादव
मेधा पाटकर
(प्रेस विज्ञप्ति)