छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने दी शहीद किसानों को श्रद्धांजलि


छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ द्वारा बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में राष्ट्रीय किसान आंदोलन के तहत शहीद हुए 33 किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा, यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं रह गया है, बल्कि देश का आंदोलन बन गया है।  

किसान है तो देश का स्वाभिमान है, किसान है तो देश का सम्मान है, किसान है तो देश की संस्कृति और सभ्यता है, किसानों के सम्मान में आज पूरे देश के लोग एकत्र हो रहे हैं।

कुछ ऐसा ही नजारा आज बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में देखने को मिला जब एक  सभी धर्म हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के प्रतिनिधि शहीद किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते नजर आए।  दूसरी तरफ भाजपा को छोड़कर अनेक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सहित सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने बूढ़ा तालाब सिद्ध स्थल पहुंचे।
छत्तीसगढ़ समाज के मनमोहन सिंह सैनी टाटीबंध, तेलीबांधा, स्टेशन रोड, पंढरी आदि गुरुद्वारा समिति के प्रबंधक, अध्यक्ष शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे दूसरी तरफ मुस्लिम समाज से एक बड़ा वर्ग सहित किसानों को श्रद्धांजलि देने एकत्र हुआ।

वरिष्ठ अधिवक्ता फैज़ल रिजवी ने किसान कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए कहा किया देश का किसान खेत छोड़कर सड़क पर हैं तो फिर हम कैसे अपना कोई व्यवसाय करते रहे। इसमें हम सब का फर्ज है कि किसानों के सम्मान में अरब देश का हर नागरिक बाहर निकले और यह किसानों की नहीं देश के नागरिकों की लड़ाई बन जानी चाहिए उन्होंने कहा कि पहले इस देश को ईस्ट इंडिया कंपनी ने लूटा और अब आजादी के 72 साल बाद वेस्ट इंडिया से अडानी अंबानी जैसों की कंपनी देश की प्राकृतिक संपदा रेल सड़क वायुयान से लेकर खेतों पर कब्जा करना चाहती है ।

30 वर्षों से किसानों मजदूरों के लिए सेवारत केरल के जैकब नेल्लीथला ने आव्हान किया – खेती को बचाने के लिए किसानों को बचाना सबसे ज्यादा जरूरी है अन्यथा अब भोजन भी सामान्य जन को बहुत महंगा मिल सकता है।


छत्तीसगढ़ सिख समाज के मनमोहन सिंह सैलानी ने गुरु गोविंद सिंह के चार बच्चों की शहीदी की दास्तां बताते हुए कहा कि देश की खातिर सिख गुरुओं ने अपने बच्चों की कुर्बानी दी और एक बार फिर अब किसानों को बचाने की खातिर बाबा संतराम सिंह जैसे सिख गुरु ने कुर्बानी दी है।  यह कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी किसान आंदोलन में शहीद हुए अधिकतर किसान पंजाब के हैं वह पंजाब जिसने कभी आजादी का बिगुल बजाया था अब किसानों की आजादी के लिए सड़कों पर बैठा है।

पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य वीरेंद्र पांडे ने दिल्ली के आंदोलन में भागीदार हुए एक सिख किसान की दास्तां बताई, जिसकी बीमार पत्नी ने अपने पति से वादा किया कि भले मैं मर जाऊं लेकिन तुम हार कर मत लौटना और इससे प्रेरित होकर बीमार हालत में स्वयं वीरेंद्र पांडे आज की श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हुए।

बालोद जिला किसान संघ के संरक्षक एवं पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर ने किसानों के आंदोलन की तुलना शहीद शंकर गुहा नियोगी जी के दौर में हुए मजदूर आंदोलन से करते हुए कहा कि अब एक बार फिर किसानों और मजदूरों को एक साथ होकर कारपोरेट के खिलाफ लड़ने का वक्त आ गया है।

कार्पोरेट्स हितैषी मोदी सरकार किसानों मजदूरों के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है। उन्होंने आक्रोश जताया कि मोदी जी को सड़क पर पड़े लाखों किसान से चर्चा करने की फुर्सत नहीं है लेकिन टीवी पर अपने आप को किसानों का हितेषी बताने की झूठी कोशिश वह कर रहे हैं।


श्रद्धांजलि सभा को सिख समाज गुरुद्वारा समिति के प्रबंधक त्रिलोचन सिंह काले, जसपाल सिंह सलूजा,बलजिंदर सिंह, टाटीबंध गुरुद्वारा प्रबंधक दलबीर सिंह, जसपाल सिंह लाडा आदि ने शहीद किसानों के प्रति विचार व्यक्त किए। 

श्रद्धांजलि सभा में नई राजधानी किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर, समाजवादी नेता मनमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन प्रणेता दाऊ आनंद कुमार, किसान नेता ठाकुर रामगुलाम सिंह, आदिवासी भारत महासभा के सौरा यादव, संस्कृति कर्मी बालकृष्ण अय्यर, स्पार्क के उमा प्रकाश ओझा, लक्ष्मीकांत अग्रवाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

आज क्रमिक भूख हड़ताल पर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, छत्तीसगढ़ अभिकर्ता निवेशक कल्याण संघ के लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, ललित साहू, छन्नूलाल यादव, फेरहा राम धीवर बैठे थे।

 
विद्रोही ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा-

मोदी सरकार के पास किसानों की चर्चा करने के लिए वक्त नहीं है। यह सिर्फ कॉर्पोरेट के लिए ही काम कर रहे हैं। ऐसा लगता है वे जनता की नहीं बल्कि कारपोरेट की चौकीदारी करने के लिए नियुक्त हुए हैं ।  इसी तरह भूख हड़ताल पर बैठे नया रायपुर के किसान लक्ष्मी नारायण चंद्राकर ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वे अब तो चेत जाएं कि आंदोलन की आग छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में फैल रही है जो इनके अहंकार को खत्म कर देगी


राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के सदस्य भी श्रद्धांजलि देंने पहुंचे


दिनभर चली श्रद्धांजलि सभा का समापन शाम 4:00 बजे हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन समन्वय समिति की बैठक में हिस्सा लेने आए  देश भर के विभिन्न राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने भी शहीद किसानों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जिनमें प्रमुख थे महाराष्ट्र से विवेकानंद माथाने, सुखदेव सिंह पंजाब, बलवान नेहरा हरियाणा जोशी जैकब केरल, दशरथ कुमार राजस्थान सरस्वती के इरफान जाफरी मध्यप्रदेश, विपिन चंद्र पटेल गुजरात आदि।

सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई इस अवसर पर अखिल भारतीय खेत किसान मजदूर सभा के विश्वजीत हारोड़े और कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर संकेत ठाकुर ने सभा का संचालन किया। 


तेजराम विद्रोही,डॉ संकेत ठाकुर,रूपन चन्द्राकर,(छग किसान मजदूर महासंघ)


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