अपने सपने के लिए एक युवा का संघर्ष और टीआरपीखोर टीवी चैनल

जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ नोएडा के टीवी चैनल उसके पीछे दौड़ पड़े। अपने-अपने स्टूडियो में घण्टों बिठाकर उसका इंटरव्यू करने लगे। कोई उसको स्टूडियो में लाइव दौड़ा रहा है तो कोई उससे बेतुके सवाल-जवाब कर रहा है।

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आर्टिकल 19: आजतक नहीं, रिपब्लिक! जब खालिस दुर्गंध यहां मिले तो कोई वो क्‍यूं ले, ये न ले…

आजतक की ये दुर्गति इसलिए हुई है कि अरुण पुरी ने अर्णब गोस्वामी बनने में पूरी ताकत झोंक दी। उसके पास न अपनी रिपोर्टें थीं, न अपना कोई पत्रकारीय विमर्श और न ही कोई स्वतंत्र सोच। आजतक बस ईवेंट जर्नलिज्म कर सकता था।

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