निर्वासन में पत्रकारिता का उत्कर्ष: मिज्जिमा, सो मिंट और थिन थिन आंग

म्‍यांमार में पत्रकार थिन थिन आंग को गिरफ्तार हुए आज पूरे दस दिन हो चुके हैं। जो लोग थिन थिन आंग को नहीं जानते उनका कोई कुसूर नहीं, लेकिन म्‍यांमार की तानाशाह सरकार द्वारा उन्‍हें उठाए जाने पर दिल्‍ली के पत्रकार संगठनों में पसरी चुप्‍पी चौंकाने वाली है जहां प्रवास में एक दशक रहकर आंग और उनके पति सो मिंट ने म्‍यांमार की लोकतंत्र की लड़ाई अपनी कलम से लड़ी है।

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देशान्तर: Tatmadaw को जेनरेशन Z की चुनौती और म्यांमार में लोकतंत्र की कठिन डगर

एक अस्थिर और अशांत म्यांमार इस क्षेत्र में शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए चिंताजनक है और इसके लिए ज़रूरी है कि दुनिया भर के जनतांत्रिक देश और आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन का साथ दें।

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