बात बोलेगी: डर के आगे नहीं, डर में ही जीत है!

टाटा ने इस विज्ञापन को दिखाने और हटाने की अल्पावधि के अभ्यास से मौजूदा सत्ता के लिए एक बहुत ठोस सर्वे का काम किया है। देश में सहिष्णुता मापने का सबसे प्रामाणिक मापक यंत्र फिलवक्त हिन्दू-मुस्लिम एकता ही है। इसे बेहद मुलायमियत भरे लहजे में दिखाइए और असर का आकलन कीजिए।

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दक्षिणावर्त: तनिष्क का ‘एकत्वम’ और विकृत अस्मिताओं का दोयम

मजहब या रिलीजन के बदले हम धर्म शब्द का प्रयोग कतई नहीं कर सकते। दूसरे, अब्राहमिक मजहबों के बरक्स जिस क्षण आप सनातन धर्म को खड़ा करते हैं, आप ठीक वही गलतियां करते हैं जो 200 वर्षों तक हमारे आका रहे अंग्रेज आक्रांताओं ने सोच समझ कर की।

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