तन मन जन: कोरोना काल की अभागी संतानें
यदि परिपक्व और संवेदनशील तरीके से मामले को संभाला नहीं गया तो स्थिति विस्फोटक है और देश दुनिया का भविष्य कहे जाने वाले हमारे बच्चे ताउम्र एक अभिशप्त जिन्दगी जीने को मजबूर होंगे।
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यदि परिपक्व और संवेदनशील तरीके से मामले को संभाला नहीं गया तो स्थिति विस्फोटक है और देश दुनिया का भविष्य कहे जाने वाले हमारे बच्चे ताउम्र एक अभिशप्त जिन्दगी जीने को मजबूर होंगे।
Read Moreअलग-अलग देशों में ID2020 को लागू करने के लिए अलग-अलग संस्थाओं को चुना गया है लेकिन भारत में यह रिलायन्स जियो के द्वारा किया जा रहा है।
Read Moreमैं अपने स्तर पर ऐसे 30,000 से ज्यादा संवेदनशील लोगों को होमियोपैथी दवा एवं एहतियात के बदौलत कोरोना संक्रमण से बचा चुका हूँ। लगभग 250 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का सफल इलाज कर चुका हूँ। परिणाम अच्छे हैं।
Read Moreकोरोना वायरस का जब कहर कम होने लगे तो हम सभी संवेदनशील चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों एवं समाजकर्मियों को लोगों के तनाव व अन्य मनोव्याधियों के उपचार में लगना चाहिए। उपचार यानि दवा ही नहीं, उनके तनाव के कारणों को दूर करना। यह चिकित्सकीय कम, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं विशुद्ध राजनीतिक मामला है।
Read Moreहोमियोपैथी तो अपने आरम्भिक काल से ही शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर ही रोग को खत्म करने का दावा करती है। होमियोपैथी पर सवाल उठाने वाले शुरू से ही होमियोपैथी को “कुछ नहीं” समझते हैं। कुछ तो इसे “प्लेसिबो” कहते हैं. हालांकि प्लेसिबो का होमियोपैथी में बड़ा आदर है।
Read Moreसुशान्त राजपूत या देश के किसान या विश्वविद्यालय के छात्र या कोई प्रोफेशनल- यदि आप आत्महत्या के लिए मजबूर हैं तो समझिए कि आपकी हत्या की सुपारी व्यवस्था ने पहले ही दे रखी है।
Read Moreलॉकडाउन के कई चरण के बाद ‘‘अनलॉक’’ की रणनीति देश पर भारी पड़ रही है। अब भारत दुनिया के उन 15 देशों में प्रमुख है जहां पर सबसे ज्यादा कोरोना …
Read Moreभारत में जन स्वास्थ्य कभी मुख्य मुद्दा रहा ही नहीं! न तो सरकार और राजनीतिक पार्टियों के लिए और न ही जनता के लिए। “विकास” का नाम लेकर देश में …
Read Moreआइए, समझते हैं कि जब ये वायरस हमें बीमार कर देने का इरादा नहीं रखते तब दुनिया भर में लाखों लोग इस वायरस के संक्रमण से मर क्यों रहे हैं और करोड़ों लोग दहशत में क्यों हैं?
Read Moreडॉ. ए. के. अरुण का साप्ताहिक कॉलम
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