जंग के बीच सेनापति से इस्तीफे की मांग अनैतिक और अव्यावहारिक क्यों है
प्रधानमंत्री अगर स्वयं भी इस्तीफ़े की पेशकश करें तो हाथ जोड़कर उन्हें ऐसा करने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया तो वे नायक हो जाएंगे, ‘राष्ट्रधर्म’ निभा लेने के त्याग से महिमामंडित हो जाएंगे और किसी अगली और भी ज़्यादा बड़ी त्रासदी के ठीक पहले राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए पुनः उपस्थित हो जाएंगे।
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