बात बोलेगी: ‘प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया’ से ‘प्रतिक्रिया ही प्रतिक्रिया’ तक

जब तक खुजलाते रहोगे, मज़ा आएगा लेकिन जब सतह की चमड़ी उधड़ जाएगी तब पसीना भी कष्ट देगा। इस खुजली का शिकार हर वह नागरिक है जो तब भी चिंता कर रहा था और अब भी एक अलग तरह की प्रतिक्रिया का शिकार होते जा रहा है।

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