अंधेरे गड्ढे में जिंदा रहने का गर्वबोध है हिंदी, हिंदू और हिंदुस्‍तान

ऑटोमेशन के ज़माने में आपकी ज़रूरत मजूर के रूप में भी खत्म हो गयी है। ऐसे में मनोज बाजपेयी से एक गाना गवा दिया गया कि ‘बम्बई में का बा।’ ये सोच रहे हैं कि इन जबरन बनाये गये मजूरों का शहरों से मोहभंग हो जाये और ऑटोमेशन को लागू करने के लिए कोई जोर जबरदस्ती, मजूरों से संघर्ष की स्थिति, न बन सके।

Read More

पेट्रोलियम कंपनियों का निजीकरण हम सब के हितों के खिलाफ़ क्यों है?

नवंबर 2019 को केंद्र सरकार ने बी.पी.सी.एल. को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय से देशभर में तमाम तेल कंपनियों – आयल एंड नेचुरल गैस कमीशन (ओ.एन.जी.सी.), इंडियन आयल कारपोरेशन (आई.ओ.सी.), हिन्दोस्तान पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड (एच.पी.सी.एल.), आयल इंडिया और बी.पी.सी.एल. की सभी मज़दूर यूनियनें इसका ज़ोरदार विरोध करती आ रही हैं।

Read More

कल से UP में होंगे पावरलूम ठप, बिजली की बढ़ी दर के खिलाफ बुनकरों ने छेड़ा आंदोलन

राज्‍य सरकार द्वारा बिजली का रेट बढ़ाये जाने से बदहाल बुनकरों के हक़ में बीते 13 अगस्‍त को मुफ्ती-ए-बनारस ने अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बिजली दर की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग करते हुए एक अपील जारी की थी।

Read More

यूपी में बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ राज्य भर में कर्मचारियों का प्रदर्शन

निजीकरण समेत देश के सार्वजनिक उधोगों को बेचने के खिलाफ आयोजित विरोध में वर्कर्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने आगरा, फिरोजाबाद, अनपरा, ओबरा मऊ आदि जगहों पर कार्यक्रम किये

Read More

नई शिक्षा नीति कहीं आरक्षण को खत्म करने का ऐलान तो नहीं?

नई शिक्षा नीति, 2020 आरक्षण के सवाल पर मौन है। कहीं यह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस ऐलान की परिणति तो नहीं जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा पर बात कही थी। आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े आरक्षण विरोधी मंच गाहे बगाहे आरक्षण को ख़त्म करने की बात उठाते रहे हैं।

Read More

आज से शुरू हुई लाखों कोयला मजदूरों की हड़ताल का समर्थन हर देशभक्त को क्यों करना चाहिए?

जिन लोगों ने ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ नामक फिल्म देखी होगी उसने यह पाया होगा कि कोयले के राष्ट्रीयकरण के पहले कैसे गुलामों की तरह कोयला मजदूरों की जिंदगी थी। इस बात को अस्सी के दशक में बनी फिल्म ‘काला पत्थर’ में भी दर्शाया गया है। इन गुलामी के दिनों की वापसी के खिलाफ कोयला मजदूरों की यह तीन दिवसीय हड़ताल है जो आज से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगी।

Read More