अब जनता खुद खांड़ा खड़काए!

यह सही है कि हम दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं लेकिन यह मोर का नाच है क्योंकि 1 प्रतिशत सेठों के हाथ में देश की 60 प्रतिशत संपदा है।

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