दक्षिणावर्त: उड़ने से पेशतर भी मेरा रंग ज़र्द था…

नया साल और मुंबई के दिन, जहां भीड़ कम है, अपार्टमेंट्स अधिक। लोग कम हैं, सोसायटियां अधिक। ऐसे ही अपार्टमेंट्स से वे ख़बरें छन कर आती हैं, जहां कोई लाश जब बदबू फैलाती है तो पुलिस उसे बरामद करती है। किसी अख़बार की बोसीदा ख़बर बनकर वह हम तक बयां होती है।

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