जब सरकार खुद समस्या बन जाए तो समाधान क्या हो?
“सरकार हमारी समस्याओं का समाधान नहीं है, सरकार ही समस्या है”- अमेरिका के राष्ट्रपति रहे रॉनल्ड रीगन के इस प्रसिद्ध कथन से राजनीतिशास्त्र के छात्र भलीभाँति परिचित होंगे। रीगन से …
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“सरकार हमारी समस्याओं का समाधान नहीं है, सरकार ही समस्या है”- अमेरिका के राष्ट्रपति रहे रॉनल्ड रीगन के इस प्रसिद्ध कथन से राजनीतिशास्त्र के छात्र भलीभाँति परिचित होंगे। रीगन से …
Read Moreसम्मेलन 5 सत्रों में आयोजित होगा। 26 अगस्त को तीन सत्र होंगे, 10:00 से 1:00 तक, 2:00 से 3:30 बजे तक और 3.45 से 6 बजे तक होंगे। यह सत्र उद्घाटन सत्र, औद्योगिक मजदूरों पर और खेत मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों का आदिवासी जनता पर किए जाएंगे। 27 अगस्त को 2 सत्र होंगे। पहला महिलाओं, छात्रों और युवाओं के हालात पर, सुबह 9:30 से 12:00 तक और अंतिम सत्र समापन सत्र, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक। सभी सत्र में नेता इस आंदोलन के सवालों को संबोधित करते हुए अपने वर्ग के पर प्रभाव पर चर्चा करेंगे।
Read Moreअविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का झांसा दिया था और इस दिशा में कुछ भी ठोस नहीं किया था। प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री अपने एमएसपी से संबंधित वादों से बार-बार मुकरा है, जिसमें सभी किसानों के लिए C2 + 50% एमएसपी को वास्तविकता बनाना शामिल है। सरकार ने बहुप्रचारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी किसानों को धोखा दिया, जहां सरकारी खर्च बढ़ा, किसानों का कवरेज कम हुआ और निगमों ने मुनाफाखोरी की।
Read Moreसत्तारूढ़ भाजपा सरकार का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वह समाज के हाशिये पर और गरीब तबके के लोगों के सामूहिक टीकाकरण के मुद्दे को कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से संबोधित करती है।
Read Moreवेबसाइट आर्टिकल 14 ने 1 जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2020 के बीच दायर राजद्रोह के मामलों को ट्रैककर ये डेटा जारी किया है।
Read Moreअखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 3 फरवरी को बिजली कर्मियों और इंजीनियरों द्वारा बिजली क्षेत्र के निजीकरण,लेबर कोड लागू किये जाने , उपभोक्ताओं की लूट और किसानों की सब्सिडी खत्म किए जाने के खिलाफ की जा रही एक दिवसीय हड़ताल का समर्थन करते हुए सरकार से बिजली संशोधन बिल वापस लेने की मांग की है।
Read Moreआंदोलन को हिंसक कह कर पहले मीडिया ट्रायल करना और उसके बाद शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज किया जाना आंदोलन के दमन की सुनियोजित साज़िश है।
Read Moreयह किसान आंदोलन जनांदोलन बन गया है और आगे बढ़ने से अब इसे कोई रोक नहीं सकता है। किसानों का आंदोलन बेहद व्यवस्थित और शांतिपूर्ण रहा है। ये बेमिसाल है कि इसमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद एक चाय वाले का कप तक नहीं टूटा। जहां तक लाल किले पर झंडा फहराने का मामला है उसकी कहानी ही अलग है।
Read Moreमोदी सरकार इस एकता को तोड़ना चाहती है इसलिए वह कानूनों को वापस लेने के बजाय अन्य विकल्पों पर जोर दे रही है.
Read Moreसरकार का झूठ भले ही उसके मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा हो मगर सच्चाई तो यह है कि देशभर में जगह-जगह किसान आंदोलनरत हैं। विभिन्न तरह से भाजपा शासित राज्यों में, स्थानीय प्रशासन द्वारा रोके जाने पर भी अपनी विचारों की अभिव्यक्ति कर रहे हैं।
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