न्याय की अवधारणा, मानवाधिकार और विलंबित न्याय: संदर्भ BK-16

अदालती फैसलों में पांच-छह साल लगना तो सामान्य-सी बात है, पर यदि बीस-तीस साल में भी निपटारा न हो तो आम लोगों के लिए यह किसी नारकीय त्रासदी से कम नहीं है। वैसे तो न्याय का मौलिक सिद्धांत यह है कि ‘न्याय में विलंब होने का मतलब न्याय को नकारना है’।

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