दक्षिणावर्त: भांग के कुएं में विचारधारा के नाम पर प्रतिक्रियावादी हड़बोंग
संघ कहिए, भाजपा कहिए या भारत का दक्षिणपंथ कहिए- एक वैचारिक लकवे से ग्रस्त प्रतीत होता है। किसी भी परिवर्तनकामी आंदोलन के तीन सिरे होते हैं- आर्थिक, सामाजिक और भारत जैसे देश में धार्मिक। संघ का आर्थिक दर्शन क्या है? स्वदेशी चिल्लाते रहिए, विनिवेश करते रहिए। आप अगर विनिवेश या निजीकरण के पक्ष में आ ही गए हैं, तो उसी को कहिए ना, उस पर कुछ सिद्धांत दीजिए, अपने काडर्स को प्रशिक्षित कीजिए, लेकिन यहां सुर कुछ औऱ है, तान कुछ और है।
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