मानवीय मूल्यों के पालन से ही आएगा शांति सद्भाव: डॉ. डैंजिल फर्नांडीज

उत्तर प्रदेश के राज्य समन्वयक प्रो. मोहम्मद आरिफ ने संविधान के मूल्यों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान प्रजा से नागरिक बनने की कहानी है तथा धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव इसकी आत्मा है।

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बनारस में गोष्ठी: भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक!

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि आज धर्म को सियासत की चाशनी में लपेटकर सरकार बनाने और बिगाड़ने का दौर शुरू है। ये किसी लोकतांत्रिक देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि आज धर्माधिकारियों और धर्म के व्यापारियों में समाज को बांट दिया गया है। इससे हमें सावधान होना चाहिए।

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नफ़रत के ज़हर की नहीं, प्रेम की खुशबू की ज़रूरत है हमें…

बंधुत्व को बढ़ावा दिए बगैर हमारे देश में प्रजातंत्र जिंदा नहीं रह सकेगा. हमें यह भी याद रखना चाहिए कि अगर अल्पसंख्यकों का दानवीकरण रोका नहीं गया तो यह नफरत हमें किसी दिन हिंसा के ऐसे दावानल में झोंक देगी, जिसमें हमारा बुरी तरह से झुलसना अपरिहार्य होगा.

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