पटना घोषणा: बिहार के सभी राजनैतिक दल “फ्रंट-ऑफ-पैकेज लेबलिंग” के लिए हुए एकमत

सभी राजनैतिक दल के प्रतिनिधियो ने पटना घोषणा पत्र का विमोचन किया करके घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके अपना समर्थन दिया| सभी प्रतिनिधियों ने , अपने संबंधित दलों के आगामी चुनावी घोषणापत्रों पर हस्ताक्षर करके इन मांगों को शामिल करने का वादा किया।

Read More

असंचारी रोगों और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर शिकायतों के जवाब में NHRC की निर्णायक कार्रवाई

एनएचआरसी स्वास्थ्य मंत्रालय और एफएसएसएआई को अनुस्मारक और नोटिस जारी करता रहा है, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। अब जो नोटिस जारी किया गया है उसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा क्योंकि यह जनमानस की जरूरत है।

Read More

यूपी और बिहार के गरीबों के बीच बढ़ता जा रहा है हानिकारक पैकेटबंद खाने का चलन: अध्ययन

भारत में खाद्य और पेय उद्योग 34 मिलियन टन की बिक्री के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। यूरोमॉनिटर के आंकड़ों के अनुसार, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत 2020 तक दुनिया में पैकेज्ड फूड के लिए तीसरे सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरने के लिए तैयार है।

Read More

बनारस के साधु-संतों, RSS, VHP, सनातनी और कबीरपंथी संगठनों ने डिब्बाबंद खाने के खिलाफ लिखा PM को पत्र

विश्व हिंदू परिषद के अनुराग त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री को पत्र में निवेदन करते हुए कहा कि पैकेटबंद खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और उसके पैकेजिंग के लिए कड़े नियम बनाये जाएं। जैसे पैकेट बंद खाद्य पदार्थ के सामने चेतावनी लेबल लगे ताकि उपभोक्ता को मालूम हो सके कि जो वो खाना खाने जा रहा है उससे उसे किन तत्वों की कितनी प्राप्ति होगी।

Read More

फ़्रंट पैक पर चेतावनी लेबल के लिए तैयार है भारतीय खाद्य उद्योग

भारतीय खाद्य उद्योग, जो इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य साझेदार हैं, एक ऐसे लेबल को अपनाने के लिए तैयार है जो देश के लिए सबसे अच्छा है और उपभोक्ता अनुकूल लेबल है। इससे भारतीय परिवारों को स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद मिलेगी और साथ ही हमारे उद्योग भी ज़्यादा नौकरी सृजित कर सकेंगे।

Read More

उद्योग जगत ने विज्ञान आधारित खाद्य पैकेजिंग पर चेतावनी लेबल का दिया समर्थन

वरिष्ठ सांसदों, उद्योग प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी का यह संवाद ऐसे समय हुआ है जब राष्ट्रीय व अन्तर्राष्टीय स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञ एफएसएसएआई से ‘हेल्थ स्टार रेटिंग’ की बजाय ‘चेतावनी लेबल’ को एफओपीएल के तौर पर लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो कई वैज्ञानिक शोध और अध्य्यन पर आधारित है।

Read More

असंचारी रोगों से होने वाली मौतों को रोकने और FOPL लागू करने के लिए NHRC की ऐतिहासिक पैरवी

भारत लगभग 15 मिलियन मोटे बच्चों का घर है। यह चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। औसतन 15 प्रतिशत भारतीय बच्चे किसी न किसी रूप में मोटापे का सामना कर रहे हैं।

Read More

अपने बच्चों को मोटापे और रोगों से मुक्त रखने के लिए पैकेट पर ‘चेतावनी लेबल’ की मांग उठानी होगी!

मस्तिष्क की कार्य क्षमता आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर निर्भर करती है। यह आपके शरीर और मस्तिष्क को अवसाद और तनाव की ओर ले जाता है। साथ ही अमिनो एसिड की पर्याप्त मात्रा न होने के कारण भी आप अवसादग्रस्त हो सकते हैं।

Read More

बनारस के मुसहर गांवों में चिंता का सबब बन रहा है कुपोषण का दोहरा बोझ

यदि कुपोषित बच्चों को उनके आरंभिक जीवन में अपर्याप्त पोषण प्राप्त होता है, तो ऐसे बच्चों को कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण एनसीडी का ज्‍यादा खतरा होता है बजाय उनके जो पर्याप्त पोषण प्राप्त करते हैं। अवरुद्ध बच्चे, बाद में जीवन में यदि सामान्य पौष्टिक भोजन के बजाय उच्च वसा, नमक और चीनी वाले अनियमित अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन और पेय का सेवन करते हैं, तो मोटापे के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं और बाद में उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों जैसे असंचारी कार्डियो-वैस्कुलर रोगों में एक या अन्य रूप का उन्‍हें सामना करना पड़ सकता है।

Read More

‘गुड फॉर इंडिया’ अभियान में बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए PIPAL तले साथ आए सभी राजनैतिक दल

भारत में आहार संबंधी गैर संचारी रोग (डीआर-एनसीडी) बढ़ रहे हैं, जिससे लाखों बच्चों को खतरा हो रहा है। दुनिया में कुपोषित बच्चों की सबसे बड़ी संख्या वाला देश भारत लगभग 1.5 करोड़ मोटे बच्चों और 45 मिलियन अविकसित बच्चों का घर है।

Read More