उपभोक्ता अधिकार दिवस: डिजिटल लेनदेन में पारदर्शिता की राह अभी लंबी है
फाइनेंस का डिजिटलीकरण बड़ी सरलता से यह स्थिति उत्पन्न कर सकता है कि आम आदमी का उसकी अपनी जमा पूंजी पर नियंत्रण समाप्त हो जाए। कैशलेस होना चॉइसलेस होना भी है, जमापूंजी के डिजिटल स्वरूप पर आम आदमी की तुलना में सरकार और बाजार का अधिक नियंत्रण होगा।
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