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डिक्टा-फ़िक्टा: नाराज़गी, नफ़रत और नकार से ही चलता है सोशल मीडिया का कारोबार
अपने धंधे को चमकाने के लिए सोशल मीडिया जिस मानवीय भावना का दोहन करता है, वह है नाराज़गी और नफ़रत. इस बारे में कई शोध हो चुके हैं. यही भावना पोस्ट या ट्वीट के वायरल होने को संभव बनाती है और इसे प्रोमोट कर प्लेटफ़ॉर्म अपना इंगेजमेंट बूस्ट करते हैं.
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