संविधान दिवस की गूंज और लोकतंत्र को कमजोर करने के सुनियोजित प्रयास

संवैधानिक प्रजातंत्रों पर संकट विश्वव्यापी है- ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, हंगरी, तुर्की और इजराइल इसके उदाहरण हैं, लेकिन इन देशों की तरह हमारे देश में न तो आपातकाल लगा है न ही सेना सड़कों पर गश्त कर रही है, न ही नागरिक अधिकारों को निलंबित रखा गया है बावजूद इसके हमारे संवैधानिक प्रजातंत्र पर संकट है।

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तस्वीरों में संविधान दिवस 2021: संवैधानिक मूल्यों की बहाली के लिए देश भर में लोगों ने ली शपथ

पूरब में उत्‍तर प्रदेश से लेकर ओडिशा वाया बिहार, झारखंड और पश्चिम में गुजरात तक संवैधानिक मूल्‍यों पर अलग-अलग स्‍तरों पर परिचर्चाओं का आयोजन किया और आम लोगों के बीच इन मूल्‍यों के शिक्षण की पहल की गयी। इतने व्यापक स्तर पर संविधान के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का होना अपने आप में अभूतपूर्व है।

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