औरंगज़ेब: अच्छे और बुरे के बीच फंसा एक बादशाह
संवाद प्रकाशन से आई 200 रुपये की यह किताब इस समय की साम्प्रदायिक राजनीति को समझने और 300 साल पहले मर चुके अपने दौर की दुनिया के सबसे ताक़तवर बादशाह के साथ न्याय करने के लिए एक जरूरी जरिया है
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संवाद प्रकाशन से आई 200 रुपये की यह किताब इस समय की साम्प्रदायिक राजनीति को समझने और 300 साल पहले मर चुके अपने दौर की दुनिया के सबसे ताक़तवर बादशाह के साथ न्याय करने के लिए एक जरूरी जरिया है
Read Moreप्रतीकवाद की राजनीति में निपुण प्रधानमंत्री किसान आंदोलन के बाद पंजाब में अपनी और भाजपा की अलोकप्रियता से अवश्य चिंतित होंगे और एक शासक के रूप में अपने अनिवार्य कर्त्तव्यों को सिख समुदाय के प्रति अनुपम सौगातों के रूप में प्रस्तुत करना उनकी विवशता रही होगी।
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