जनादेश: 2024 की भाजपा-विरोधी पटकथा और ‘निजी महत्त्वाकांक्षाओं’ का सियासी रोड़ा

कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी आने वाले दिनों में स्टालिन, चंद्रबाबू नायडू, तेजस्वी यादव, तेलंगाना के टीआरएस, नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव के साथ मिलकर एक मोर्चा बना सकती हैं ताकि भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में टक्कर दी जा सके। अभी कई तरह की पटकथा लिखी जानी बाकी है क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है और इस चुनाव परिणाम ने उसे और कमजोर कर दिया है। सभी दलों के एक साथ आने में सबसे बड़ा रोड़ा उनकी अपनी “निजी महत्वाकांक्षा” है।

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महामारी के बीच सम्पन्न हुए चुनाव, लेकिन चुनाव आयोग और न्यायपालिका की भूमिका पर बात बाकी है!

जिस तरह से मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई तल्ख टिप्पणियों को मीडिया में स्थान मिला है और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा इनका स्वागत किया गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आम जनमानस भी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार के लिए चुनाव आयोग के अनुत्तरदायित्वपूर्ण आचरण को उत्तरदायी समझता है।

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