उत्तर प्रदेश में अजब-गजब फ़रमान निकल रहे हैं। पूर्वांचल के जिला गाज़ीपुर में किसानों को एक ओर पाबंद किया गया है कि वे 26 जनवरी को ट्रैक्टर लेकर बाहर नहीं निकल सकते, वहीं पेट्रोल पम्पों को पाबंद किया गया है कि वे किसी भी ट्रैक्टर को, कैन और ड्रम में किसानों को तेल न बेचें।
अभी कुछ ही दिनों पहले बनारस सहित पूर्वांचल के कुछ किसान नेताओं को गुंडा एक्ट में नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद कुछ किसानों को दस-दस लाख की वसूली का नोटिस दिया गया। सीतापुर जिले में 300 किसानों को ऐसे नोटिस थमाये गये।
अब गाज़ीपुर में यह तुगलकी फ़रमान आया है जिसमें थाना प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के पेट्रोल पम्पों को धारा 144 सीआरपीसी के तहत जारी नोटिस में कहा गया है कि वे 26 जनवरी तक किसी भी ट्रैक्टर को अथवा कैन या ड्रम में तेल न दें। इस आदेश के उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।
दूसरी ओर किसानों को भी नोटिस मिला है कि वे अपने ट्रैक्टर नहीं निकाल सकते।
थानाध्यक्ष सुहवल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है-
आपको अवगत कराना है कि आगामी 26 जनवरी 2021 को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। धारा 144 सीआरपीसी प्रभावी है। किसानों द्वारा विभिन्न विभिन्न स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च व अन्य कार्यक्रम किए जाने की संभावना है जिसके कारण ट्रैक्टर मार्ग पर आवागमन पर पाबंदी लगाई जाती है। अतः आप को निर्देशित किया जाता है कि आज दिनांक 22 जनवरी 2021 से 26 जनवरी 2021 तक किसी भी किसी भी ट्रैक्टर में या किसी ड्रम या केन में तेल नहीं देंगे ताकि शांति व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे। यदि आप द्वारा उक्त आदेश की अवहेलना की जाती है तो इसके लिए उत्तरदाई आप स्वयं होंगे।
सीतापुर जिले से खबर है कि किसानों से शांति भंग न करने की गारंटी के तहत 10 लाख के बॉन्ड भरवाये जा रहे हैं। इस सम्बंध में प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में किसान आंदोलन को ‘’आपसी विवाद’’ करार दिया गया है, जिससे किसानों में रोष है।
इस बारे में सुधा नागवरपु की ओर से एक विस्तृत पोस्ट लिखी गयी है:
पिछले ३-४ दिनों से संगतिन किसान मजदूर संगठन के साथी और संयुक्त किसान मोर्चा, सीतापुर के अन्य सदस्यों को पुलिस द्वारा…
Posted by Sudha Nagavarapu on Friday, January 22, 2021
सीतापुर की मिश्रिख तहसील के एसडीएम ने वंदना नामक महिला को एक नोटिस जारी किया है जिसमें आशंका जतायी गयी है कि वे किसान आंदोलन से शांति व्यवस्था को भंग कर सकती हैं। इसलिए अगले 6 महीने तक शांति बनाए रखने के लिए उन्हें 10 लाख रुपये का पर्सनल बांड और 10-10 लाख रुपये की दो जमानत दाखिल करने को कहा गया है।