कोरोना वैक्सीन का 447 लोगों पर साइड इफेक्ट, तीन लोग हुए अस्पताल में भर्ती, UP में एक मौत


कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लेने के बाद अब तक कुल 447 लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है. इनमें से तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी और कहा है कि कोरोना वायरस टीकाकरण दिए जाने के बाद 16 और 17 जनवरी को 447 एइएफ़आई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन) रिपोर्ट किए गए हैं.

वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कोरोना इंजेक्शन लगने के बाद एक 46 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मचारी की मौत की खबर है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक महिपाल सिंह नामक अस्पताल कर्मचारी को कोविशील्ड का इंजेक्शन लगाया गया था जिसके बाद रविवार शाम को उसे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी.

कोरोना वैक्सीन के पहले चरण में 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को सबसे पहले वैक्सीन दी जा रही है.बता दें कि देश में अबतक कुल 2,24,301 लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.

दिल्ली के 52 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगवाने के बाद दिक्कत का सामना पड़ा है. वैक्सीन लेने वाले हेल्थ वर्कर्स में किसी को एलर्जी की शिकायत हुई थी. तो कुछ ने बताया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उन्हें घबराहट होने लगी. दिल्ली में जिन 52 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगवाने के बाद दिक्कत हुई है उनमें से एक वर्कर को AEFI सेंटर में भर्ती कराना पड़ा.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर मनोहर अगनानी ने बताया कि

अधिकांश मामलों में इसका प्रतिकूल प्रभाव मामूली स्तर का था.वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि ज़्यादातर मामलों में लोगों को हल्का बुखार, सिरदर्द और जी मिचलाने की शिकायत रही.

डॉक्टर मनोहर अगनानी ने बताया कि

पहले दिन 2,07,229 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. यह किसी भी देश में पहले दिन वैक्सीन दिए जाने का सबसे बड़ा आंकड़ा है. भारत इस मामले में अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस से आगे रहा.

दूसरे दिन वैक्सीन छह राज्यों में दी गई. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और तमिलनाडु में कुल 553 सत्र आयोजित किए गए. रविवार को क़रीब 17 हज़ार लोगों को टीका दिया गया है.

भारत में 16 जनवरी को विश्व का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस अभियान में दो वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा तैयार कोवैक्सिन. केंद्र सरकार के ज्यादातर अस्पतालों में कोवैक्सिन दिए जा रहे हैं जबकि इसका अब तक केवल दो चरणों में ट्रायल हुए हैं और तीसरे चरण का ट्रायल बाकी है . इसी कोवैक्सिन को लेकर तमाम विवाद और आशंकाएं हैं.

गौरतलब है कि पहले चरण में कोरोना वायरस वैक्सीन 30 करोड़ लोगों को लगाने की योजना है. इस वैक्सीन की दो डोज़ होंगी. इसमें पहली डोज़ और दूसरे डोज़ के बीच का अंतर 21 से 28 दिन का होगा.

बता दें कि इसी तरह से नॉर्वे में कोरोना इंजेक्शन (फेज़र) लगने के 24 घंटे के भीतर वहां 29 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसी तरह के कई शिकायतें अमेरिका और इंग्लैण्ड में भी मिली है.


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