आर्टिकल 19: दिल्‍ली दंगे पर एमनेस्‍टी की रिपोर्ट और सन् चौरासी के प्रेत की वापसी

एमनेस्‍टी ने एक विस्तृत जांच के बाद जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें भारत की सबसे शानदार पुलिस माने जाने वाली दिल्ली पुलिस का रंग रूप बहुत घिनौना, बहुत डरावना और बहुत भयानक नजर आता है।

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तिर्यक आसन: मुझे काटने वाले कुत्ते के नाम एक पत्र

बनारस में बंदर भी हैं। कोई बंदर अगर छलाँग लगाते समय गिर जाए, तो उसे बंदरों के समूह से निष्कासित कर दिया जाता है। निर्वासित कर दिया जाता है। मुझे लगा, शायद तुमसे भी कोई चूक हुई हो, जिसके कारण तुम किसी समूह से खदेड़े गए हो।

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बात बोलेगी: अगस्त धुआँ है, कोई आसमान थोड़ी है…!

मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी भी है जिसे घर में पालना जुर्म है पर यह बौद्धिक आतंक से भरी कानूनी जानकारी सोलह घंटों और छह परिधानों से सुसज्जित एक वीडियो के सामने खेत हो गयी। मोर को नयी पहचान मिली।

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राग दरबारी: क्या पिछड़ों की राजनीति खत्म हो गयी है?

1990 में मंडल लगने से पहले पिछड़ा नेतृत्व का एक रुतबा था. मंडल लागू होने के बाद सवर्ण सत्ता को पिछड़ों से डर लगने लगा था, लेकिन 25 साल के भीतर पूरा का पूरा पिछड़ा नेतृत्व दीन-हीन अवस्था में पहुंच गया है.

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तन मन जन: COVID-19 में अंडमान से कश्‍मीर तक मरने को अभिशप्‍त हैं आदिवासी-घुमंतू

वास्तविकता तो यह है कि देश के अन्य राज्यों में जहां कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है वहीं पूर्वोत्तर के प्रदेशों में संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। सरकारी उपेक्षा के बाद अब वहां स्थानीय समुदायों ने इस महामारी से मुकाबला करने के लिए स्वयं पहल शुरू कर दी है।

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गाहे-बगाहे: संग से सर मारकर पैदा न होए आशना

पिछड़ों के बीच पैदा हुए महापुरुषों, उनके विचारों और उनके कृतित्व पर ब्राह्मणवाद जितनी बेरहमी से हमला करता है उससे कहीं ज्यादा घातक रूप में पिछड़े ही उन पर हमला करके उन्हें तबाह करते हैं। बक़ौल राजेंद्र यादव, उन्हें गुलामी में जितना आनंद आता है उससे कहीं अधिक आज़ादी से खतरा महसूस होता है।

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डिक्टा-फिक्टा: हार की कगार पर खड़े हैं ट्रंप

2016 की स्थिति फिर बन सकती है, लेकिन इस साल के अमेरिकी चुनाव की तुलना 2016 से करना बहुत हद तक ठीक नहीं है, हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन में ख़ुद हिलेरी क्लिंटन ने वोट डालने की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा है कि जो बाइडेन और कमला हैरिस की जोड़ी तीस लाख वोट अधिक लाकर भी चुनाव हार सकती है.

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पंचतत्व: आदिगंगा को निगल गया कोलकाता का फैलता शहर

कोलकाता में कालीघाट के पास से एक गंदा नाला बहता है. यह नाला नहीं, स्थानीय लोगों के मुताबिक असली गंगा है. आदिगंगा नाम की इस नदी को शहर ने बिसरा दिया, पर परंपराओं में यह अब भी मौजूद है

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दक्षिणावर्त: 12 करोड़ जिंदा प्रेतों का डूबता प्रदेश, जहां किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता!

बाढ़ में लोग चूड़ा, सत्तू और बिस्किट लेकर आनंदित हैं, अगर टी-शर्ट मिल जाए तो क्या ही अच्छा, सोने पर सुहागा। सरकार ने 6 हजार नकद का भी दांव चल दिया है। उज्ज्वला का सिलिंडर भी है ही।

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आर्टिकल 19: प्रशांत भूषण ने नैतिकता की एक लंबी लकीर खींच दी है, जिसका नज़ीर बनना तय है

फैसला कुछ भी हो लेकिन प्रशांत भूषण हीरो बन चुके हैं। अगर सजा मिलती है तब भी और अदालत उन्हें सिर्फ फटकार लगाकर छोड़ने का फैसला करती है तब भी। भारत के न्यायिक इतिहास में अवमानना के मामले में अदालत से बाहर इतनी जोरदार बहस कभी नहीं हुई।

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