तिर्यक आसन: गाँधी के अपभ्रंश और हाइजीनिक वैष्णवों का ब्लूप्रिन्ट

अफीम के डर से चाय मना कर दी थी। अंदाजा नहीं था कि बातों की अफीम खानी पड़ेगी। वो जारी रहा- महात्मा गांधी ने कहा था- पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। तुम उल्टा करते हो। पापी से घृणा करते हो, पाप से नहीं। हमने महात्मा गांधी के कथन को पूरी तरह अपनाया है। हम पापी से घृणा नहीं करते। न ही पाप से। अधिक सहिष्णु कौन हुआ?

Read More

तिर्यक आसन: विश्‍व का सबसे बड़ा गरीब गुंडा बनने के छोटे-छोटे नुस्‍खे

विकास के नाम पर जनता से लूट ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का भारतीय संस्करण है। लूट जितनी बढ़ेगी, रैंकिंग उसी अनुपात में सुधरेगी। लाखों करोड़ का कर्ज बट्टे खाते में डाल देने और कर्जदारों को दिवालिया घोषित करने से बिजनेस ‘ईजी’ हो जाता है।

Read More

तिर्यक आसन: ठगी को भी रोजगार का दर्जा दिया जाए!

साधो, अपनी सरकार से नाराज होने वालों को मनाने के लिए नरेंद्र मोदी की जबान के जखीरे में रामबाण हथियार हैं। जिनका वार न जाए खाली। इसलिए प्रधानमंत्री कड़वी दवा देने से हिचकते नहीं हैं।

Read More

तिर्यक आसन: विकास की रेसिपी और अपनी बीट से पौधे उगाने का अस्तित्‍ववादी हुनर

कभी रुपये की कीमत गिरने से प्रधानमंत्री अपनी गरिमा खोते थे, अब नहीं खोते। कभी जनता और विपक्ष पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की आग से झुलस जाते थे, अब नहीं झुलसते। पेट्रोल की धीमी आँच पर पक रही विकास की रेसिपी में अखिल भारतीय मंत्रिमंडल के खानसामों द्वारा प्रतिदिन डाले जाने वाले धर्म के चटपटे मसालों ने कीमतों को पचाना सिखा दिया है।

Read More

तिर्यक आसन: सुख उनका कुत्ता है, दुख दूसरों का कुत्ता है!

कुत्ते और कुतिया के चरित्र पर शक नहीं करना चाहिए। खलील जिब्रान के अनुसार- महान से महान आत्मा भी अपनी शारीरिक जरूरतों को नजरंदाज नहीं कर सकती।

Read More

तिर्यक आसन: मुझे काटने वाले कुत्ते के नाम एक पत्र

बनारस में बंदर भी हैं। कोई बंदर अगर छलाँग लगाते समय गिर जाए, तो उसे बंदरों के समूह से निष्कासित कर दिया जाता है। निर्वासित कर दिया जाता है। मुझे लगा, शायद तुमसे भी कोई चूक हुई हो, जिसके कारण तुम किसी समूह से खदेड़े गए हो।

Read More

तिर्यक आसन: लोकतंत्र का स्टिकर, स्टिकर का लोकतंत्र

राज्यपाल नामक जीव की रक्षा कैसे हो? लोकतन्त्र के दंगल में राज्यपाल नामक जीव की रक्षा करने के लिए “सेव दी गवर्नर” नामक स्टिकर भी उपलब्ध है। राजनीतिक दलों ने “सेव दी गवर्नर” का स्टिकर लगाया हुआ है।

Read More

तिर्यक आसन: आज़ादी की दुकान सज गयी है…

दुकानों पर चौबीस घंटे देशभक्ति फहरा रही है। दसों दिशाओं से हवा चल रही है। देशभक्ति भी दसों दिशाओं में खड़ी है। किसी का सिर हिमालय की चोटी की तरह तना हुआ है। किसी का सिर नीचे बह रही नाली के मुँह में जाने को है।

Read More

तिर्यक आसन: हिन्दी के युवा, अर्ध-वरिष्ठ, वरिष्ठ और ठूँठ!

वरिष्ठता भी एक उपलब्धि है। जिनको ये उपलब्धि मिलती है, वे इसका महत्व जानते हैं। इस उपलब्धि को प्राप्त करने के बाद उनकी मन:स्थिति पर कवि कैलाश गौतम का प्रकाश डालता हूँ- “मनै मन छोहारा मनै मन मुनक्का”।

Read More

तिर्यक आसन: वह तीसरा आदमी कौन है, जो सिर्फ कविता से खेलता है?

साम्राज्यवाद की बाढ़ आई। उनकी भावनाओं का फाटक खुला। एक पंक्ति आई। आलमारी से………। साम्राज्यवाद की बाढ़ सब कुछ तबाह कर चली गई, तब उनकी भावनाओं ने कविता का रूप धरा। शीर्षक- बाढ़ आई है।

Read More