‘पठान’ को मिल रहा समर्थन उसे मिले विरोध का विरोध है?
शाहरुख और दीपिका उस पुराने भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां कलाकारों को उनके हुनर से पहचाने जाने की रवायत रही है न कि उनकी जाति, धर्म या विचारधारा से। ऐसे में महज कुछ सेकेंड की एक क्लिप से बिना पूरी फ़िल्म देखे जिस कदर व्यापक विरोध हुआ और ऐसे असंवैधानिक विरोध होने दिये गए उससे यह स्पष्ट होता है कि इस आलोकतांत्रिक विरोध के पीछे केवल कुछ संगठन ही नहीं थे बल्कि नए भारत की परियोजना में शामिल पूरा तंत्र शामिल था।
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