पंजाब में गन्ना किसान आंदोलित, पलवल मोर्चे पर हुए हमले की SKM ने की कड़ी निंदा

गुरुवार की सुबह संयुक्त किसान मोर्चा के पलवल मोर्चा पर 10-15 गुंडों ने मोर्चा पंडाल तोड़ कर मोर्चा में मौजूद किसान नेताओं पर हमला बोल दिया। गुंडों ने लंगर के रसोई स्वयंसेवकों पर भी हमला किया और कुछ टेंटों में आग लगाने की कोशिश की। घटना की खबर मिलते ही स्थानीय किसान बड़ी संख्या में जमा होने लगे तो गुंडे भाग गए।

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संयुक्त किसान मोर्चा का अखिल भारतीय सम्मेलन 26-27 अगस्त को, उत्तराखंड भी गरमाया

केंद्र सरकार ने हमेशा यह दिखाने की कोशिश की है कि यह ऐतिहासिक किसान आंदोलन कुछ राज्यों तक सीमित है, इस तथ्य की अनदेखी करते हुए कि देश भर के किसान जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह सम्मेलन केंद्र सरकार के झूठ के कफ़न में एक और कील साबित होगा।

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कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा की चुनौती पर सांसदों के साथ RTE फोरम का वर्चुअल संवाद

फोरम द्वारा पेश 13 सूत्री मांगों के मद्देनजर सांसदों ने एक स्वर से अफसोस जताया कि जब शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय जरूरत थी, तब वर्ष 2021 में शिक्षा के राष्ट्रीय बजट में भारी कटौती की गई। कोरोना की पहली लहर के बाद अतिरिक्त सहायता नहीं मिलने की स्थिति में भारत के ग्रामीण इलाकों के 64% बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाने की आशंका को लेकर उन्होंने गहरी चिंता जताई।

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‘यथास्थितिवाद के विरोधी थे विलास, इसलिए नए संगठन बनाना उनकी जीवनशैली का हिस्सा बन गया’

कॉमरेड विलास के प्रश्न सीपीएम नेतृत्व के लिए असुविधाजनक बनते गए और सीपीएम नेता शरद पाटिल के विचार के प्रति उनका खिंचाव बढ़ता गया, किन्तु उनके इस विचार से कि देश में जनवादी क्रांति जाति इत्यादि सामाजिक प्रश्नों को भी हल कर देगी विलास को रास नहीं आता था इसलिए उनका सीपीएम के अंदर और बाहर साथ देने के बजाय प्रश्नाकुल बने रहे और सीपीआई(एमएल) के एक गुट सीआरसी में 1980 के दशक के आरंभिक दिनों में शामिल हो गए और उस दशक के ही 1987 तक महाराष्ट्र यूनिट के स्टेट सेक्रेटरी बने रहे।

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बंगाल का अकाल और ख़्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म ‘धरती के लाल’: IPTA की शृंखला

बिजन भट्टाचार्य का नाटक ‘नबान्न’ देखने के लिए जब अब्बास साहब 1943 गए तो वहां उन्होंने अकाल की वजह से पलायन करके कलकत्ता आए भीख माँगते किसानों और भूख की वजह से कचरे के ढेर से खाना तलाशते बच्चों, सड़कों पर गरीबों की लाशों तथा उसके बरक्स शानदार होटलों में चलते अमीरों के उत्सवों और जश्नों को देखा जिससे विचलित होकर और इसी विषय पर बने नाटक ‘नबान्न’, ‘अंतिम अभिलाषा’ और कृष्ण चन्दर की कहानी ‘अन्नदाता’ से प्रेरित होकर ‘धरती के लाल’ फिल्म बनाने की योजना बनायी।

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‘कोरोना में कोर्ट’: अदालतों पर निर्भर आबादी की लॉकडाउन में बर्बादी का एक दस्तावेज

यह फिल्‍म पटना हाइकोर्ट सहित राज्‍य की विभिन्‍न अदालतों पर निर्भर आबादी के बीच जनज्‍वार फाउंडेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है। एक घंटे की इस फिल्‍म में अदालती कामों से जुड़े हर तबके की समस्याओं को दिखाया गया है।

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इंसानियत के लिए खतरे का लाल निशान है आज जारी UN की जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट

इस रिपोर्ट को आइपीसीसी में शामिल 195 सदस्य देशों की सरकारों ने पिछली 26 जुलाई को शुरू हुए दो हफ्तों के वर्चुअल अप्रूवल सेशन के दौरान शुक्रवार को मंजूरी दी है। वर्किंग ग्रुप 1 की रिपोर्ट आइपीसीसी की छठी असेसमेंट रिपोर्ट (एआर6) की पहली किस्त है।

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खोरी गांव की पुनर्वास नीति तैयार नहीं, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 अगस्त के अपने आदेश में पृष्ठ संख्या 4 यह आदेशित किया है कि नगर निगम फरीदाबाद, खोरी गांव के उजाड़े लोगों के लिए पुनर्वास नीति को अंतिम रूप दे। अब क्योंकि हरियाणा सरकार स्वयं पूरी नीति को देख रही है इसलिए यह जरूरी है वह लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को मद्देनजर रखे।

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कोरोना की तबाही से जागा बनारस, स्वास्थ्य-शिक्षा और आजीविका के मुद्दे पर जन अधिकार यात्रा

इस यात्रा से पहले बनारस से पहली बार स्‍वास्‍थ्‍य का अधिकार बनाए जाने की मांग उठी थी और उसके समर्थन में एक हस्‍ताक्षर अभियान चलाया गया था।

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किसान संसद में मोदी सरकार के खिलाफ पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव!

अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का झांसा दिया था और इस दिशा में कुछ भी ठोस नहीं किया था। प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री अपने एमएसपी से संबंधित वादों से बार-बार मुकरा है, जिसमें सभी किसानों के लिए C2 + 50% एमएसपी को वास्तविकता बनाना शामिल है। सरकार ने बहुप्रचारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी किसानों को धोखा दिया, जहां सरकारी खर्च बढ़ा, किसानों का कवरेज कम हुआ और निगमों ने मुनाफाखोरी की।

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